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जैन मुनि ने समझाया दान का महत्व

By Edited By: Published: Thu, 21 Aug 2014 08:12 PM (IST)Updated: Thu, 21 Aug 2014 08:12 PM (IST)
जैन मुनि ने समझाया दान का महत्व

जागरण संवाददाता, एटा : शहर के पुरानी बस्ती स्थित दिगंबर जैन मंदिर में आयोजित ससंघ वर्षायोग कार्यक्रम में गुरुवार को जैन मुनि ने श्रावक श्राविकाओं को दान का महत्व समझाया।

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अपने प्रचवन में आचार्य सुंदर सागर ने कहा कि सुपात्र को दिया गया दान व्यक्ति को मोक्ष दिलाता है। दान करने से मनुष्य में आत्मबल बढ़ता है, उसकी आत्मा देव तुल्य बन जाती है। उन्होंने कहा कि जब तक गुरु का सानिध्य नहीं मिलता, तब तक जीव अपने विकारों में ही डूबा रहता है। सच्चा गुरु उसे विकारों से मुक्त कराकर जीवन के सर्वोच्च शिखर पर ले जाता है। जब तक गुरु का साथ नहीं, तब तक वह व्यक्ति पूर्ण नहीं है। उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति ने अपने माता पिता और गुरु को अपनी समस्याओं व कमियों को नहीं बताया, उस व्यक्ति का जीवन व्यर्थ चला जाता है। अपने प्रवचन में उन्होंने श्रावक श्राविकाओं को अपनी आन्तरिक कमियों को दूर करने का उपदेश दिया। मंदिर में नीरज जैन में मंगलाचरण व गुलाब चन्द जैन ने दीप प्रज्ज्वलन किया।

मंदिर में पदम चन्द्र जैन, सुन्नेश जैन, सर्वेश कुमार जैन, मंजू जैन मित्राणी, संतोष कुमार जैन, हैप्पी जैन, कमलेश जैन, राजवीर जैन, प्रभाकर जैन, सुधाकर जैन, रजत जैन, अंबर जैन,शैलेन्द्र जैन, अंशुल जैन, डौली जैन, परिक्षा जैन सहित काफी संख्या में श्रावक श्राविकाएं उपस्थित थे।


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