गंगाजल स्थिर पर खतरा बरकरार
एटा-पटियाली/सोरों : सोरों और पटियाली क्षेत्रों में गंगा जलस्तर स्थिर बना हुआ है। पटियाली की चौरासी बैल्ट में आने वाले कई गांवों समेत क्षेत्र के अन्य गांव भी चपेट में हैं। समसपुर और नगरिया के तटबंध टूटने से बुधवार को दिन भर मची तबाही अब जहां की तहां रुक गई है। फिलहाल किसी भी डेम से पानी का नया डिस्चार्ज नहीं किया गया। सोरों के लहरा में भी पानी वहीं ठहरा है जहां तक पहुंच चुका था
लहरा घाट पर तेज कटान से पानी लहरा गाव तक पहुंच गया है। गंगा में उफान कम होने के बाद खेतों व गांवों में भरा पानी, दुर्गध देने लगेगा। जलमग्न फसलों की सड़ाध से भी दुश्वारिया बढ़ेंगीं। नरौरा व बिजनौर बाध से दो दिन पहले छोड़े गये पानी की आवक से यहा मंगलवार रात से तबाही मचनी शुरू हो गई थी। गंगा नदी किनारे बसे गाव नगरिया का बाध भी गंगा में आई बाढ़ के कारण टूट गया था जिसे गुरुवार को पुन: तैयार कर दिया गया। इसे सिचाई विभाग द्वारा मजदूर लगाकर सैंडबेग से पाट दिया गया है। समसपुर बाध पर फिलहाल दलदल की स्थिति होने के कारण कार्य में बाधा आने से कार्य स्थगित है। एसडीएम प्रेमनाथ ने स्थिति अनुकूल होने पर ग्राम प्रधान मनीश कुमार को मनरेगा से तत्काल मरम्मत कराने के निर्देश जारी किए हैं।
उपजिलाधिकारी प्रेमनाथ ने बाढ़ क्षेत्र का भ्रमण कर सुनगढ़ी थाना क्षेत्र के ग्राम नगला ढाब, बमनपुरा, सिकंदरपुरवैश्य थाना के ग्राम मूजखेडा, नगला हंसी, नगला अलोखर तथा नदी पार थाना कादरचौक के ग्राम पनसोती, नगला खुर्द, ओम नगरिया, नगला मेहरी, नगला टिकुरी, हिम्मतनगर बझेरा गावो में नावें लगाई हैं। क्षेत्रीय लेखपालों को बाढ़ प्रभावित गावो में भ्रमण कर गावो में रुकने के निर्देश दिए गए हैं। गंगा नदी का जलस्तर गत एक सप्ताह से लगातार बढ रहा है जिससे तटवर्ती गावो में बाढ की स्थिति बनी हुई है।