आंगनबाड़ी वर्कर जानेंगी नए जमाने का राग
जागरण संवाददाता, एटा : आंगनबाड़ी कार्यकत्री या फिर सहायिका जल्दी ही नए जमाने के बदलावों को जानने से अछूती नहीं रहेंगी। उन्हें सूचना प्रौद्योगिकी तथा बाल विकास से संबंधित नई जानकारियां देकर अपडेट किया जाएगा।
जिले में 1864 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं, जिन केंद्रों पर लगभग 3500 महिलाएं कार्यरत हैं। जिनमें 60 से 70 फीसद तक वर्कर ऐसी हैं जिनकी नियुक्तियां 15 साल से पूर्व के समय की हैं। उस समय की वर्कर ज्यादातर हाईस्कूल या इंटरमीडिएट होने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में रहने के कारण जमाने के बदलावों का भी ज्यादा ज्ञान नहीं रखतीं। हॉटफूड योजना के अंतर्गत दैनिक अनुश्रवण प्रणाली के तहत मोबाइल से अंकित कराए जाने वाली बच्चों की संख्या सैकड़ों केंद्रों से मुख्यालय तक सही नहीं पहुंच रही।
बच्चों तथा महिलाओं के पोषण से लेकर टीकाकरण के मामले में समय गुजरते काफी बदलाव आया है। जिसकी जानकारी भी अधिकांश वर्कर नहीं रखतीं। हैपेटाइटिस के टीके सरकारी टीकाकरण में शामिल हो चुके हैं लेकिन अभी भी वर्करों को इसकी जानकारी नहीं। निदेशालय द्वारा विभाग से इस संबंध में 15 साल से पूर्व की नियुक्ति पाने वाली वर्करों की सूचनाएं मांगी हैं, ताकि प्लानिंग के बाद कार्य योजना के तहत उन्हें ट्रेंड किया जा सके। डीपीओ बीना सोलंकी का कहना है कि विभागीय निर्देशों का अनुपालन किया जा रहा है।