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शिक्षामित्रों को झटका, चुनाव कार्य से बैरंग

By Edited By: Published: Wed, 23 Apr 2014 08:42 PM (IST)Updated: Wed, 23 Apr 2014 08:42 PM (IST)
शिक्षामित्रों को झटका, चुनाव कार्य से बैरंग

जागरण संवाददाता, एटा : लोकसभा चुनाव में इस बार जुटाए गए 1200 शिक्षामित्रों को मतदान कराने से पहले ही आयोग ने झटका दे दिया। बुधवार को सुबह ही पोलिंग पार्टियों के साथ मिली जिम्मेदारियों के निर्वहन के लिए वह पोलिंग बूथों तक पहुंच गए। इसके बाद दोपहर को चुनाव आयोग द्वारा उनसे चुनावी कार्य न कराने को लेकर जारी फरमान ने प्रशासन और शिक्षामित्रों की दिक्कतें बढ़ा दीं। ड्यूटी पर पहुंचे इन शिक्षामित्रों को शाम बैरंग लौटा दिया गया जबकि उनके स्थान पर रिजर्व कर्मियों की व्यवस्थाएं की गई हैं।

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इस बार शिक्षामित्रों को पहले आयोग के निर्देश पर ही चुनाव ड्यूटी पत्र जारी किए गए, प्रशिक्षण भी कराया गया और वह मतदान टीमों के साथ बुधवार को निर्धारित केंद्रों तक पहुंच भी गए। ऐसे में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मतदान कार्मिक बने शिक्षामित्रों को हटाने का निर्देश जारी कर दिया। प्रशासन ने निर्देश मिलते ही आनन-फानन में सभी सेक्टर मजिस्ट्रेटों को निर्देशों के अनुपालन को निर्देशित किया।

जिसके बाद बूथों से शिक्षामित्रों को हटाने तथा मुख्यालय से वहां रिजर्व कर्मियों को भेजने की मशक्कत शुरू हो गई। दूर बूथों तक पहुंचे शिक्षामित्र हालांकि सेक्टर मजिस्ट्रेटों से उपस्थिति लेकर बैरंग लौटे लेकिन निराशा के साथ। महिलाओं को और भी परेशानी हुई। पूरी मेहनत और खर्चे के बावजूद अंत समय उन्हें कार्य से हटाने को लेकर हुई परेशानियों पर शिक्षामित्र संगठनों ने भी विरोध जताया है।

प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के संरक्षक राजेश गुप्ता व जिलाध्यक्ष मनोज यादव ने कहा है कि आयोग का यह निर्णय उचित नहीं है। यदि कार्य नहीं कराना था तो ड्यूटी प्रशिक्षण और फिर रवानगी जैसी परेशानियां नहीं दी जानी थी। आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अवधेश यादव ने भी ऐसी स्थिति पर विरोध जताते हुए शिक्षामित्रों का अपमान बताया है।


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