जिला अस्पताल में जल्द उपलब्ध होंगी सभी दवाएं
देवरिया। प्रमुख सचिव मनोज कुमार ¨सह गुरुवार को जिला चिकित्सालय पहुंचे और निरीक्षण किये। ग
देवरिया। प्रमुख सचिव मनोज कुमार ¨सह गुरुवार को जिला चिकित्सालय पहुंचे और निरीक्षण किये। गंदगी पर जहां फटकार लगाई वहीं दवाओं की कमी के बारे में जानकारी ली। कहा जो भी आवश्यक दवाएं नहीं है वह बहुत जल्द उपलब्ध हो जायेगी। इसके लिए मुख्य चिकित्साधिकारी को उन्होंने निर्देशित किया। निरीक्षण को लेकर अस्पताल में हड़कंप मचा रहा।
सबसे पहले वे जिला चिकित्सालय परिसर में बाहर की तरफ गंदगी दिखने पर आगे बढ़े और सुलभ शौचालय चेक करने पहुंच गये यहां लोगों ने बताया कि यह सरकारी नहीं प्राइवेट है। उन्होंने कहा कि प्राइवेट वाले भी इतनी गंदगी रखते हैं। यहां बाहर जमा पानी व गंदगी की सफाई का निर्देश दिया। कहा यहां तो बीमारी फैलेगी ही। यहां से वह सीधे जिला चिकित्सालय के मेन गेट से प्रवेश किये और पर्ची रजिस्ट्रेशन कक्ष के बाहर लाइन में खड़े एक मरीज से परेशानी पूछा तो कहा कि आधा घंटा से पर्ची के लिए लाइन लगाया हूं। दवा वितरण कक्ष के सामने लगे दवाओं की सूची पढ़ी और आवश्यक दवाओं को बहुत जल्द उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। वह बरामदे से ओपीडी, एक्स रे कक्ष होम्योपैथिक विभाग होते हुए बाहर आ गये। पोषण केन्द्र एनआरसी पहुंचे और यहां डाइटीशियन नामिका मिश्र से बच्चों के पोषण के बारे में जानकारी ली। यहां से वह बन रहे सौ बेड के अस्पताल पहुंचे और छत तक सीढ़ी के रास्ते पहुंच कर निर्माण कार्य की प्रगति देखी। कार्यदायी संस्था के ठेकेदार से पूछा कब हैंडओवर कर रहे हैं। उसने सितंबर में हैंडओवर करने को कहा। प्रमुख सचिव ने अस्पताल परिसर से खराब पड़े वाहनों को हटाने के साथ ही गंदगी दूर करने का निर्देश दिया। अस्पताल परिसर में लगे बेतरतीब वाहनों को खड़ा करने के लिए पार्किंग की व्यवस्था करने का निर्देश दिया। प्रमुख सचिव किसी भी वार्ड में निरीक्षण के लिए नही गये। इंसेफ्लाइटिस वार्ड में नहीं जाने का कारण उन्होंने अधिक लोगों का साथ होना और मरीजों की परेशानी को कारण बताया।
इसके बाद प्रमुख सचिव नगर विकास एवं शासन द्वारा जनपद के नामित नोडल अधिकारी मनोज कुमार ¨सह ने सदर तहसील पहुंचे, जहां दाखिल खारिज, अमलदरामद एवं खतौनी में नाम समय से दर्ज नहीं किए जाने की मिली शिकायत की जांच की, जो सही पाया। जिस पर उन्होंने नाराजगी जताई तथा आगे से हर हाल में एक सप्ताह के अंदर नाम दर्ज किए जाने का सख्त निर्देश दिया। साथ ही कहा कि आगे शिकायत मिलने पर संबंधित कर्मचारी के साथ अधिकारी भी नपेंगे। उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए। सदर तहसील में अधिवक्ताओं द्वारा समय से खारिज दाखिल नहीं किए जाने की शिकायत की गई थी। जिसकी जांच आरके काउंटर पर पहुंचकर किया। जांच में उन्होंने पाया कि कल तक उस शिकायती प्रकरण का निस्तारण नहीं की गया था और न ही कम्प्यूटर खतौनी में दर्ज किया गया था। उन्होंने उसका तुरंत अंकन कराते हुए कम्प्यूटर राइज खतौनी निकलवाई और संबंधित आरके, तहसीलदार एवं उप जिलाधिकारी को कार्यो में सुधार लाने के साथ एक सप्ताह में अमलदरामद एवं खतौनियों में नाम अंकन हर हाल में करने का निर्देश दिया। यहां पानी की टंकी में पानी नहीं पहुंचने की शिकायत पर उसे देखा। अधिशासी अभियंता जल निगम को इस मामूली दिक्कत को तत्काल ठीक कराने का निर्देश दिया। तहसील में बने नेडा के सुलभ शौचालय की स्थिति अत्यंत खराब पाए जाने पर उन्होंने परियोजना अधिकारी नेडा को इसे ध्वस्त कराते हुए नया शौचालय बनवाने का निर्देश दिया।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी सुजीत कुमार, पुलिस अधीक्षक राजीव मल्होत्रा, मुख्य विकास अधिकारी राजेश कुमार त्यागी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.राम निवास, डा.एस.एन.¨सह, अधिशासी अभियंता पीडब्लूडी, परियोजना अधिकारी नेडा, अधिशासी अभियंता जल निगम, जिला कार्यक्रम अधिकारी केएम पांडेय, उप जिलाधिकारी सदर राकेश कुमार ¨सह, उप जिलाधिकारी बरहज अरुण कुमार ¨सह, अधिशासी अभियंता बाढ़ आदि उपस्थित रहे।
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..साहब मनेरगा मजदूरों से भी मिलता है कम
-प्रमुख सचिव के सामने ग्रामीण चौकीदारों ने सुनाया अपना दुखड़ा
-मुख्यमंत्री को संबोधित पत्रक प्रमुख सचिव को चौकीदारों ने सौंपा
जागरण संवाददाता, देवरिया:
सदर कोतवाली का निरीक्षण करने पहुंचे प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश शासन से चौकीदारों ने मुलाकात की और फिर अपना दुखड़ा सुनाते हुए कहा कि साहब हम लोगों से ज्यादा तो मनरेगा मजदूर पाते हैं? इसके बाद मुख्यमंत्री को संबोधित पत्रक प्रमुख सचिव को सौंप दिया।
पत्रक सौंपने के पहले चौकीदारों ने कहा कि आजादी के 70 साल गुजर जाने के बाद भी चौकीदार की दशा बंधुआ मजदूर जैसी ही है। दुर्दशा झेल रहे हम ग्रामीण चौकीदार मात्र 50 रुपये प्रतिदिन की मजदूरी पर कार्य करने को मजबूर हैं, जो इस महंगाई के जमाने में भुखमरी के कार पर लाने जैसा है। चौकीदारों को चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाए, ग्राम स्तर पर कार्यरत ग्रामीण चौकीदारों को स्थायी किया जाए, मानदेय 1500 से बढ़ाकर 18 हजार रुपये करने समेत विभिन्न मांगें की गई। इस दौरान जितेंद्र यादव, जयप्रकाश, रामकिशुन, श्यामदेव, परमेश्वर, बांके बिहारी, रामदयाल, रामपत प्रसाद, अर¨वद यादव, सुदामा यादव, कैलाश यादव, जयनाथ, सुरेश ¨सह, रामसकल चौहान, दयाशंकर प्रसाद प्रमुख रुप से उपस्थित रहे।
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कोतवाली में नहीं है शौचालय
गुरुवार को जब प्रमुख सचिव निरीक्षण करने कोतवाली पहुंचे तो लोगों ने बताया कि कोतवाली में न तो पुरुष के लिए शौचालय है और न ही महिला के लिए। फरियादी परेशान रहते हैं। प्रमुख सचिव ने कहा कि इसके लिए पुलिस अधीक्षक से कह दिया गया है। जल्द ही यहां शौचालय का निर्माण करा दिया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि यहां फरियाद लेकर आने वाले सभी की कार्रवाई करने की बात कही है। यूपी 100 बेहतर कार्य कर रही है।
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कोतवाली का किया निरीक्षण
गुरुवार को प्रमुख सचिव ने सदर कोतवाली का निरीक्षण किया। कोतवाली में प्रमुख सचिव को गार्ड आफ आनर दिया गया। इसके बाद वह हवालात का निरीक्षण किए और फिर कार्यालय में जाकर विवेचना समेत विभिन्न जानकारियां ली। यहां वह पंद्रह मिनट तक रहे। प्रमुख सचिव के जाने के बाद पुलिस कर्मियों ने राहत की सांस ली।
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