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एक-दूसरे के मुरीद थे मेहदी व दिलीप : सरदार दिलावर

By Edited By: Published: Fri, 15 Jun 2012 11:05 PM (IST)Updated: Fri, 15 Jun 2012 11:05 PM (IST)
एक-दूसरे के मुरीद थे मेहदी व दिलीप : सरदार दिलावर

देवरिया :

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भारतीय रंगमंच व ललित कलाओं को समर्पित संस्था संस्कार भारती की सलेमपुर इकाई ने निरंकारी भवन स्थित अपने कार्यालय पर गजल गायक मेहदी हसन के असामयिक निधन पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया। इकाई के संरक्षक सरदार दिलावर सिंह ने कहा कि मेहदी हसन, लता मंगेस्कर, संगीतकार नौशाद व अभिनय सम्राट दिलीप कुमार एक-दूसरे के मुरीद थे।

उन्होंने कहा कि मेहदी हसन ने वर्ष 2010 में भारत आकर दिलीप कुमार, लता मंगेस्कर व अमिताभ बच्चन से मिलने की ख्वाहिश की। बिगड़ते स्वास्थ्य के चलते उनके चिकित्सकों ने उन्हें यात्रा करने से मना कर दिया। यह ख्वाहिश हमेशा के लिए अधूरी रह गई। कार्यक्रम प्रमुख दीप्ति मिश्रा ने कहा कि मेहदी हसन ने रंजिश ही सही दिल को दुखाने के लिए आ, तेरी महफिल से हम निकल जाएंगे, शमां जलती रहेगी परवाने को निकल जाएंगे जैसी अनेक गजलों से संगीत का श्रृंगार किया। ऐसी शख्शियत पर समय का ग्रहण लग गया, परन्तु उनकी आवाज आज के गायकों के लिए हमेशा प्रेरणास्त्रोत बनें रहेगी। श्रद्धांजलि सभा को मुक्तिनाथ उपाध्याय, शंभू दयाल गुप्त, रामनारायण यादव, वरुण कुमार, प्रभात आर्य, गुरु वेद प्रकाश ने संबोधित किया।

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