Move to Jagran APP

नदी की रेत बनी सोने की खान

देवरिया: घाघरा का रेता क्षेत्र किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है। बाढ़ के दौरान जलीय क्षेत्र नजर

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Apr 2017 11:55 PM (IST)Updated: Tue, 25 Apr 2017 11:55 PM (IST)
नदी की रेत बनी सोने की खान
नदी की रेत बनी सोने की खान

देवरिया: घाघरा का रेता क्षेत्र किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है। बाढ़ के दौरान जलीय क्षेत्र नजर आने वाला रेत किसानों के लिए सोने की खान बन गया है। इसमें बोई गई जायद की फसलें किसानों के आर्थिक समृद्धि का कारक बन गई हैं। प्रतिदिन लगभग सत्तर से अस्सी हजार रुपये की ककड़ी, खीरा और हरी सब्जियों की बिक्री जनपद के अन्य बाजारों के लिए हो रही है।

loksabha election banner

प्रति वर्ष बाढ़ के दौरान किसानों की तबाही का कारण बनने वाली घाघरा ही इस समय उनकी समृद्धि में सहायक बन गई है। परसिया कूर्ह से लेकर राजपुर, बरहज, मेहियवां व पैना तक नदी का सफेद रेत हरा-भरा नजर आ रहा है। रोता क्षेत्र के करीब डेढ़ सौ एकड़ भूमि पर खीरा, ककड़ी, तरबूज, लौकी, नासपाती, नेनुआ, तरोई, करैला आदि की फसलें लहलहा रही हैं। परसिया कूर्ह, राजपुर, बेलडाड़, तिवारीपुर, गौरा, बरहज, रगरगंज, केवटलिया, मेहियवां, कोटवा, पैना आदि गांवों के लगभग छह दर्जन से अधिक किसान रेत से तेल निकालने में जुटे हैं। किसानों द्वारा लगाई फसलें भरपूर पैदावार दे रही हैं। किसानों की माने तो जनपद के देवरिया, सलेमपुर, भलुअनी, लार, मदनपुर आदि बाजारों के सैकड़ों प्रतिदिन खीरा, ककड़ी, तरबूज और सब्जी खरीदने खेतों में आ रहे हैं। प्रतिदिन लगभग सत्तर से अस्सी हजार रुपये का कारोबार इस रेत क्षेत्र से चल रहा है। किसान बीरबल, जीउत, राजन ¨बद, केशव, रामसमुझ ¨बद, महेन्द्र सोनकर, किसमती, धनेसरी देवी, चौथी देवी, झब्बू लाल निषाद, धनेष खट्टिक, रामरेखा, धनिया, सुरेमन, लषन, मोतीचंद आदि का कहना है कि रेत में फसल तैयार करना काफी मुश्किल कार्य है। रेत की गर्मी के कारण कुछ दिक्कत जरुर आ रही है। फसलों को रोज पानी देना पड़ रहा है। इस बार फसल अच्छी हो रही है। अगर भगवान ने चाहा तो कई सालों का घाटा इस बार पूरा हो जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.