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घाघरा के कहर से निजात की आस

देवरिया: जनपद के बरहज व रुद्रपुर तहसील में घाघरा, राप्ती व गोर्रा नदी की बाढ़ हर साल तबाही मचाती है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Mar 2017 10:23 PM (IST)Updated: Sat, 25 Mar 2017 10:23 PM (IST)
घाघरा के कहर से निजात की आस
घाघरा के कहर से निजात की आस

देवरिया: जनपद के बरहज व रुद्रपुर तहसील में घाघरा, राप्ती व गोर्रा नदी की बाढ़ हर साल तबाही मचाती है। हजारों एकड़ फसल नष्ट होती है तो हजारों परिवार बेघर होते हैं। पिछले पांच वर्षों में चार गांवों का वजूद मिट चुका है। प्रदेश में नई सरकार के गठन से बाढ़ प्रभावित लोगों में बाढ़ बचाव की परियोजनाओं को मुकाम तक पहुंचने की उम्मीद जगी है।

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परसिया कूर्ह, कोलखास, कैलाश टोला, विशुनपुर देवार मलिन बस्ती का वजूद मिट चुका है। लगभग एक हजार परिवार बेघर हुए। कुछ परिवारों को तो पट्टे पर भूमि मिली, लेकिन अब भी 300 से अधिक परिवार सड़क के किनारे और बाढ़ शिविरों में खानाबदोश जैसा जीवन जीने को विवश हैं। लगभग 60 करोड़ की दो परियोजनाएं लंबे अरसे से शासन में लंबित हैं। अब प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी है तो लोगों को लगने लगा है कि पुनर्वास व बचाव की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे।

विशुनपुर देवार निवासी अशोक यादव का कहना है कि भाजपा ने चुनाव में बाढ़ पर फोकस किया था। अब वह सत्ता में है तो उम्मीद हैं कि क्षेत्र को बाढ़ से बचाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। राजपुर के अजय प्रताप ¨सह व भदिला द्वितीय के डा. केके श्रीवास्तव का कहना है कि कपरवार संगम तट से परसिया कूर्ह के पूरब तक ¨रग बांध बनाने के लिए धौला बांध, लां¨चग पि¨चग, ठोकर और एपरन बनाने का प्रस्ताव शासन में लंबित है। हमें पूरी उम्मीद है कि भाजपा सरकार में इन परियाजनाओं को मंजूरी मिलेगी। कपरवार निवासी रामहोसिला साहनी व भदिला प्रथम निवासी शिवनाथ कपरवार संगम तट पर तटबंध व भदिला में राप्ती पर पक्का पुल बनने को लेकर आशांवित हैं। उनका कहना है योगी आदित्यनाथ विकास की सोच रखते हैं।

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परियोजनाएं जो लंबित हैं

-परसिया कूर्ह में धौला बांध के लिए वर्ष 2009 में 7.39 करोड़ का प्रसताव गंगा बाढ़ नियंत्रण परिषद पटना में लंबित।

-पूर्वांचल विकास निधि से कपरवार संगम तट से परसिया कूर्ह तक चार एस्पर, ठोकर, लां¨चग पि¨चग, एपरन के लिए 52 करोड़ का प्रसताव 2016 में तीसरी बार भेजा गया, पर धनराशि नहीं मिली।


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