चुनाव में चुनौती होंगे कुख्यात बदमाश
देवरिया : विधानसभा चुनाव की रणभेरी बज गई है। पुलिस की साख एक बार फिर दांव पर है। उसे हर हाल में यह स
देवरिया : विधानसभा चुनाव की रणभेरी बज गई है। पुलिस की साख एक बार फिर दांव पर है। उसे हर हाल में यह सुनिश्चित करना होगा कि मतदान शांतिपूर्ण व सौहार्द के माहौल में सपन्न हो। यह तब तक मुमकिन नहीं जब तक कि ऐसे कुख्यात बदमाशों की नकेल न कसी जाए, जो जिले में अर्से से आतंक के पर्याय हैं। चुनाव आचार संहिता प्रभावी होने के बाद भी आजाद घूम रहे इन सिद्धहस्त बदमाशों की नकेल कसना पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है, क्योंकि इन बदमाशों के सफेदपोश आका अपनी मोहरों को बचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे। ऐसे में दायित्व के प्रति पुलिस की प्रतिबद्धता तलवार की धार पर है।
इसमें कोई संदेह नहीं कि चुनाव आचार संहिता प्रभावी होने के बाद से ही पुलिस हरकत में है। वांछित अभियुक्तों की गिरफ्तारी, कच्ची शराब के ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी, अभियान के तहत वाहन चे¨कग लगातार जारी है। अब सवाल यह है कि पुलिस की यह कार्रवाई चुनाव सकुशल संपन्न कराने की दिशा में क्या पर्याप्त है। इस सवाल के जवाब की तलाश यदि हम तह तक जा कर करें तो जवाब चौंकाने वाला है। चुनाव आचार संहिता प्रभावी होने के बाद ऐसे दर्जनों बदमाश जिले में आजाद घूम रहे हैं, जिन्हें पूर्व में पुलिस ने गिरोह बंद अधिनियम के तहत पाबंद किया। खाकी ने माना कि यह गैंगेस्टर अपराध के बल पर जीविकोपार्जन करते हैं। कइयों के सिर पर सफेदपोशों का वरदहस्त होने की भी बात कही गई। इनमें से ही एक नाम बनकटा थानाक्षेत्र के मूल निवासी उस कुख्यात तारबाबू यादव का है, जिसे पशु तस्करों का बेताज बादशाह कहा जाता है। यूपी की सीमा से बिहार प्रांत में पशुओं की बड़ी खेप भेजने के आरोपी रहे तारबाबू की करतूतों से आजिज तत्कालीन पुलिस अधीक्षक प्रभाकर चौधरी ने गुर्गों समेत उसे गिरोह बंद अधिनियम के तहत पाबंद किया। प्रभाकर चौधरी के स्थानांतरण के तत्काल बाद कानून की आंख में धूल झोंक वह रिहा हो गया। हालांकि तारबाबू का नाम कुख्यात व फरार ऋषिमुनि तिवारी से भी जुड़ा। रहस्य से पर्दा तब उठा जब आजमगढ़ कोषागार के अपर निदेशक व चिकित्सक डा.गिरीश नरायण गुप्ता से रंगदारी मांगे का मामला प्रकाश में आया। इस प्रकरण में पुलिस के हाथ लगे भलुअनी थानाक्षेत्र के मूल निवासी चंदू यादव व उसके साथियों के खिलाफ भी गैंगेस्टर की कार्रवाई की गई। इसी प्रकार रामपुर कारखाना व सदर कोतवाली क्षेत्र में अपमिश्रित शराब की बड़ी खेप अवैध रूप से तैयार करने के आरोपियों के खिलाफ भी पुलिस ने गैंगेस्टर एक्ट के तहत ही कार्रवाई की। इनके अलावा भी बदमाशों के कई गिरोह पुलिस ने पाबंद किए। तारबाबू व चंदू यादव जैसे कुख्यात बदमाश चुनाव के ऐन वक्त जेल से बाहर हैं। इनके राजनीतिक रिश्ते किसी से छिपे नहीं है। तब इस संभावना से कैसे इन्कार किया जा सकता कि निहित स्वार्थ में शातिर बदमाश चुनाव आचार संहिता की शुचिता से नहीं खेलेंगे। बदमाशों का स्याह अतीत व नापाक इरादे पुलिस के सामने बड़ी चुनौती हैं। इससे पार पाने में सफलता पुलिस के हाथ लगती है या नहीं। यह देखना रोचक व दिलचस्प होगा।
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पुलिस की गति में तेजी
देवरिया : चुनाव आचार संहिता के प्रभावी होने के बाद से ही पुलिस की गति में तेजी दिख रही है। यही वजह है कि अपराध व अपराधियों के खिलाफ पुलिस ने कई मोर्चे पर अभियान छेड़ रखा है। पुलिस कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक अब तक कुल 864 स्थानों पर पुलिस ने दबिश डाला। नौ अवैध असलहे बरामद करने में खाकी कामयाब हुई। 9197 लीटर कच्ची शराब उसके हाथ लगी। इतना ही नहीं कुल 11097 में से 3517 लाइसेंसी असलहे अब तक पुलिस के पास जमा हो चुके हैं। 10263 लोग शांति भंग के तहत पाबंद हो चुके हैं। 272 ऐसे लोगों को चिन्हित किया जा चुका है, जिन पर चुनाव में खलल डालने का संदेह है। 1719721 रुपये शमन शुल्क वसूले जा चुके हैं। पुलिस कार्यवाही के बावत अपर पुलिस अधीक्षक एनके ¨सह ने कहा कि शांतिपूर्ण मतदान पुलिस की प्राथमिकता है। इससे कतई समझौता नहीं होगा। अराजकतत्वों की नकेल कसने का यह सिलसिला मतदान तक लगातार जारी रहेगा।
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