विकास अपहरण कांड की गुत्थी में उलझी खाकी
देवरिया : बनकटा थाना क्षेत्र के धरहनिया गांव से फोन कर बुलाए गए विकास कुशवाहा 20 पुत्र दिग्विजय कुशव
देवरिया : बनकटा थाना क्षेत्र के धरहनिया गांव से फोन कर बुलाए गए विकास कुशवाहा 20 पुत्र दिग्विजय कुशवाहा की हत्या करने के मामले से बनकटा पुलिस 27 दिन बाद भी पर्दा नहीं उठा सकी है। पुलिस को मृत विकास के जेब से उसका मोबाइल भी बरामद हुआ था। पुलिस काल डिटेल के जरिये हत्यारों तक पहुंच सकती है, लेकिन हैरत की बात यह है कि अब तक इस मामले में पुलिस की तरफ से जांच में कोई प्रगति नहीं है। इसे लेकर परिजनों व ग्रामीणों में पुलिस के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश है।
विकास कुशवाहा लार थाना क्षेत्र के हाटा गांव का रहने वाला था। बनकटा थाना क्षेत्र के धरहनिया गांव में अपने ननिहाल में रहकर पढ़ता था। वह इसी वर्ष वाराणसी से पालीटेक्निक परीक्षा पास किया था। 14 दिसंबर को दिन में तकरीबन 11 बजे किसी ने फोन कर उसे घर से बुलाया और वह घर से निकल गया। रात होने के बाद भी जब वह घर नहीं पहुंचा तो परिजनों की ¨चता बढ़ी और उसे उसके घर समेत आस-पास व गांव में लोगों ने ढूंढा। उसका कहीं कुछ पता नहीं चल सका। रिश्तेदारी समेत अन्य स्थानों पर ढूंढने के बाद जब उसका कुछ पता नहीं चला तो परिजनों ने बनकटा पुलिस को इसकी सूचना देकर कार्रवाई की मांग की। 17 दिसंबर को पुलिस ने अपहरण का मुकदमा दर्ज किया। इस बीच 20 दिसंबर को मईल थाना क्षेत्र के भागलपुर पुल के समीप विकास का शव मिलने की बात मईल पुलिस द्वारा बताई गई। मौके पर परिजन पहुंचे और शव का शिनाख्त किए। शव को विकास के ननिहाल पक्ष के लोग घर ले आए और धरहनिया के समीप ही दाह संस्कार किए। घटना के समय विकास का मोबाइल भी पुलिस को मिला। ऐसे में हत्यारों की गर्दन तक पहुंचने के लिए वह मोबाइल ही पर्याप्त है, लेकिन पुलिस अब तक इस दिशा में कोई कदम नहीं बढ़ा सकी है और सफलता से काफी दूर है। परिजन हर रोज घटना में प्रगति जानने के लिए थाना पहुंचते हैं और मायूस होकर घर वापस लौट आते हैं। इसे लेकर परिजनों व समूचे गांव में पुलिस के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश है। थानाध्यक्ष शशांक शेखर राय ने कहा कि इस घटना को लेकर पुलिस सक्रिय है और जांच सही दिशा में है। घटना के बहुत जल्द पर्दाफाश की उम्मीद है।