मोबाइल से होगी विकास कार्यों की निगरानी
देवरिया : ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत कराए जा रहे विकास कार्यों में अब फर्जीवाड़ा नहीं चलेगा। स
देवरिया : ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत कराए जा रहे विकास कार्यों में अब फर्जीवाड़ा नहीं चलेगा। सरकार ने इस पर नकेल कसने के लिए परिसंपत्तियों और परियोजनाओं को जियो-टै¨गग कराने जा रही है। इन परिसंपत्तियों की सेटेलाइट से तस्वीरें खींची जाएगी। इन तस्वीरों को साफ्टवेयर पर अपलोड किया जाएगा। जनपद में कुल 12586 परियोजनाएं यानी असेस्ट की टै¨गग कराई जा रही है।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना के तहत ग्राम पंचायतों में स्थापित परिसंपत्तियों की निगरानी अब मोबाइल से होगी। सरकार इन परिसंपत्तियों की सेटेलाइट के माध्यम से तस्वीरें लेनी शुरू कर दी है। इन तस्वीरों को भुवन साफ्टवेयर पर अपलोड किया गया जाएगा। यह तस्वीरें इंडियन रिमोट सें¨सग सेटेलाइट से ली जा रही है, जिनका जियो-टैग किया जाएगा। यह कार्यक्रम पायलट प्रोजेक्ट के माध्यम से चलाया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट को इसरो ने बनाया है। यह पहले 20 जनपदों मे लागू किया गया। सरकार ने सितंबर 2016 में इस प्रोजेक्ट को 100 जनपदों में लागू की। अब यह प्रोजेक्ट एक नवंबर से देश के सभी जनपदों में लागू कर दिया है। सरकार की मंशा है कि सेटेलाइट से जो तस्वीरें ली जाएगी। वह परियोजनाओं की वास्तविक स्थिति को दर्शाएगी। इन तस्वीरों में कोई छेड़छाड़ करना चाहे तो भी नहीं कर सकता है। मोबाइल से निगरानी करने में एक सहूलियत रहेगी कि ग्राम पंचायत के किस स्थान पर यह परिसंपत्ति है। किस परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है इसका पता चल जाएगा। जनपद स्तर पर इस कार्य को पूर्ण कराने के लिए सभी बीडीओ को लगाया गया है। बीडीओ के साथ रोजगार सेवक और तकनीकी सहायक लगाए गए हैं।