बेलगाम रफ्तार का खौफनाक मौत से कदमताल
देवरिया : रफ्तार का नशा ¨जदगी पर लगातार भारी पड़ रही है। रफ्तार की खून आंधी सड़कों पर इस कदर बह रहा है
देवरिया : रफ्तार का नशा ¨जदगी पर लगातार भारी पड़ रही है। रफ्तार की खून आंधी सड़कों पर इस कदर बह रहा है कि मौत के आंकड़े बौने होते जा रहे हैं। तमाम उपाय व जागरूकता अभियान के बाद भी सड़क हादसे व इनमें होने वाली मौतों की संख्या कम होने का नाम ही नहीं ले रही। यूं कहें कि बेलगाम रफ्तार सड़कों पर खौफनाक मौत से कदमताल कर रही है और हम मूकदर्शक की भूमिका में हैं। सड़क दुर्घटनाएं रोके जाने का फिलहाल कोई कारगार उपाय हमारे पास नहीं है।
महज चार साल के मार्ग दुर्घटनाओं के आंकड़े जिले में सड़क हादसे की भयावह तस्वीर उजागर करने के लिए पर्याप्त हैं। यातायात पुलिस के मुताबिक लगभग 1200 मार्ग दुर्घटनाओं में करीब एक हजार लोग मौत के मुंह में समा गए। लगभग दो हजार लोग सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हुए। इनमें से अधिकांश दुर्घटनाएं उन सड़कों पर हुई, जिन्हें यातायात के लिहाज से सुगम माना जाता है। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि आखिरकार सुगम सड़कों पर हादसे होने की मूल वजह क्या है। जानकारों की मानें तो अधिकांश दुर्घटनाएं तेज रफ्तार के कारण हुई हैं। दाद में खाज यह रहा कि अधिकांश हादसे की वजह वाहन चालकों का नशे में धुत रहना प्रकाश में आया। गौरीबाजार थानाक्षेत्र में अप्रैल 2016 की भीषण मार्ग दुर्घटना लोग आज भी नहीं भूले। बेकाबू कार से कुचलने के कारण आठ लोग मौत के मुंह में समा गए। जबकि दर्जन भर ग्रामीणों को गंभीर चोटें आईं। क्षतिग्रस्त वाहन की जब पुलिस ने तलाश की तब उसमें शराब की बोतल पाई गई। इससे अनुमान लगाया गया कि कार सवार नशे में धुत थे। यही वजह रही कि वह सड़क व इंसान के बीच फर्क तक नहीं कर पाए। लोक नृत्य देख रही भीड़ पर यमराज ने कार दौड़ा दी। हालांकि गौरीबाजार-रुद्रपुर मार्ग पर जिस जगह यह भयंकर हादसा हुआ वहां की सड़क मुख्य मार्गों की अपेक्षा काफी संकरी है। संकरी सड़क पर कार का बेकाबू होना इस बात का परिचायक है कि मतवाला चालक इस अहसास को भी खो बैठा था कि उसके सिवाय मार्ग पर अन्य वाहन व लोग हैं। उसकी इस बड़ी चूक का परिणाम हुआ कि एक झटके में आठ कुनबे बर्बाद हो गए। तीन गांव में मातमी सन्नाटा पसर गया। हालांकि दुर्घटनाओं के लिहाज से जिले के सबसे संवेदनशील सड़कें गोरखपुर-देवरिया-सलेमपुर मार्ग व देवरिया-कसया मार्ग है। अधिकतर हादसे इन मार्गों पर ही होते हैं। इनमें से अधिकांश हादसों का कारण तेज रफ्तार व वाहन का अनियंत्रित संचालन रहा है।
तेज गति, मद्यपान, अकुशल ड्राइ¨वग, अनफिट वाहन, खराब सड़क, नींद में वाहन चलाना, फिसलन, खतरनाक ढंग से वाहन संचालन, संकेत उल्लंघन, मोबाइल वार्ता व इयर फोन से गाना सुनते वक्त वाहन चलाना, शारीरिक अपंगता या अक्षमता, ओवर लो¨डग, स्पीड ब्रेकर, रम्बल स्ट्रीट का अभाव, रोड पर अतिक्रमण, अंधेरा, बिना डिपर तेज रोशनी, गलत पार्किंग, नो इंट्री जोन में इंट्री, रोड साइन, रोड मार्क, नो रिएक्टर, मानव रहित रेलवे क्रांसिग, आवारा पशु, जल भराव व खुलेश सीवर होल, अकस्मात आंत्रिक खराबी, यातायात नियमों की अवहेलना, गति से मुकाबला।