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गांवों में निकली अभियान की हवा

देवरिया: जिम्मेदारों की अनदेखी व जागरूकता के अभाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता मिशन की

By Edited By: Published: Sat, 24 Sep 2016 11:19 PM (IST)Updated: Sat, 24 Sep 2016 11:19 PM (IST)
गांवों में निकली अभियान की हवा

देवरिया: जिम्मेदारों की अनदेखी व जागरूकता के अभाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता मिशन की ग्रामीण इलाकों में हवा निकल गई है। कस्बा हो, सांसद आदर्श गांव या फिर प्रदेश सरकार के लोहिया गांव हर जगह सूरते हाल खराब हैं। गांवों में तैनात सफाईकर्मी की मनमानी का खामियाजा गांव की जनता भुगत रही है। सफाई के अभाव में नालियां बजबजा रही हैं तो सड़कों के किनारे कूड़े के ढेर जमा हैं, जिससे गांवों में संक्रामक रोगों के फैलने की आशंका बलवती हो गई है।

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गांवों में साफ सफाई का बेहतर इंतजाम करने के लिए शासन द्वारा शहरों की तर्ज पर हर गांव में सफाई कर्मियों की तैनाती की गई है। उनके उपर सड़कों, नालियों व सार्वजनिक स्थानों की साफ सफाई का जिम्मा है। सफाईकर्मियों की मनमानी से शासन की मंशा परवान नहीं चढ़ पा रही है। गांवों में हर जगह गंदगी पसरी है। नालियां जाम हैं। सड़े पानी से उठती दुर्गंध से ग्रामीणों का जीना मुहाल हो गया है।

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भलुअनी में निकला अभियान का जनाजा

पहले बात करते हैं भलुअनी कस्बे की, जहां स्वच्छता अभियान का जनाजा निकल गया है। बाजार से लेकर गांव व सार्वजनिक स्थलों पर गंदगी का अंबार है। हनुमान मंदिर जाने वाले रास्ते पर कूड़े का ढेर जमा है। मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं का भगवान से पहले गंदगी से सामना होता है। गांव में जाने वाला नाला कचरे व सिल्ट से जाम पड़ा है। नाले से दुर्गंध निकल रही है ¨कतु सफाई कर्मी इस पर ध्यान नहीं देते। ब्लाक गेट की हालत तो इससे भी बदतर है। उत्तरी गेट के बगल में सरस इंपोरियम है। अधिकारियों की लापरवाही से गेट मूत्रालय बनकर रह गया है। दुकानदार कूड़ा भी गिरा देते हैं।

सांसद आदर्श गांव कपरवार में जिस सड़क पर निकले कूड़े के ढेर व बजबजाती नालियां और उससे उठती दुर्गंध ने जीना मुहाल कर रखा है। लगभग दस किमी सड़कों और दर्जन भर से अधिक बड़े नालों की सफाई का जिम्मा एक कर्मचारी पर है। वीरपुर मिश्र में पंचायत भवन के सामने ग्रामीण कूड़ा फेंकते हैं। इन्हें समझाने व मनाही करने की जरूरत जिम्मेदार नहीं समझते। तहसील क्षेत्र के लोहिया ग्राम गंगा चक, तरकुलहा, खुदिया मिश्र, नदुआ छपरा आदि गांवों के हालात भी इससे जुदा नहीं है। सड़कें कूड़े के ढेर व मानव मल से पटी हैं। करोड़ों रुपये खर्च कर बने शौचालय प्रयोग के लायक नहीं हैं।

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अस्पताल गेट पर गोबर का ढेर

स्वच्छता के संदेश देने वाले अस्पतालों की हालत भी कुछ इससे जुदा नहीं है। नया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र महुई संग्राम में पहुंचने से पहले गेट के बार ग्रामीणों द्वारा रखे गए गोबर के ढेर से जूझना पड़ता है। राजकीय होमियोपैथिक अस्पताल कपरवार के गेट पर दुकानदारों ने दुकान का कचरा साफ कर रख दिया है।

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