Move to Jagran APP

काश! साहब की इस विद्यालय पर पड़ जाती नजर

देवरिया : शासन शिक्षा व्यवस्था बेहतर करने का दावा कर रहा है। उसकी मंशा है कि परिषदीय विद्यालयों में

By Edited By: Published: Thu, 28 Jul 2016 12:37 AM (IST)Updated: Thu, 28 Jul 2016 12:37 AM (IST)
काश! साहब की इस विद्यालय पर पड़ जाती नजर

देवरिया : शासन शिक्षा व्यवस्था बेहतर करने का दावा कर रहा है। उसकी मंशा है कि परिषदीय विद्यालयों में भी बच्चों की अच्छी उपस्थिति और पढ़ाई भी बेहतर हो। शासन की मंशा पर अधिकारी व शिक्षक पानी फेरते हुए नजर आ रहे हैं। किसी विद्यालय का ताला नहीं खुल रहा है तो कुछ विद्यालय पर गुरुजी ही नहीं है। कुछ विद्यालयों पर गुरुजी की लापरवाही के चलते छात्र ही नहीं जा रहे हैं। इसको लेकर न तो शिक्षा विभाग के अधिकारी गंभीर दिख रहे हैं और न ही जिले के प्रशासनिक अधिकारी।

loksabha election banner

प्राइवेट विद्यालयों की तरह ही सरकारी विद्यालयों का सत्र भी शासन के निर्देश पर अप्रैल से शुरू हो जा रहा है। 2 जुलाई से स्कूलों में कक्षाएं भी प्रारंभ हो गई हैं। लेकिन परिषदीय विद्यालयों में छात्रों की उपस्थिति कुछ खास नहीं दिख रही है। सबसे खराब स्थिति तो भागलपुर विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय की है। इस विद्यालय का तो आठ माह से ताला ही नहीं खुला है। न तो इस विद्यालय पर कोई गुरुजी जाते हैं और न ही एक भी बच्चा। खास बात यह है कि इस विद्यालय में अब पशु विश्राम कर रहे हैं और परिसर में पशुओं का गोबर है तथा विद्यालय झाड़-झंखाड़ से पटा हुआ है। विद्यालय का कई वर्ष से रंगाई-पुताई तक नहीं हुई है और न ही विद्यालय पर विद्यालय का नाम ही व स्थान लिखा हुआ है। लोगों का मानना है कि नए बेसिक शिक्षा अधिकारी के आने पर इस विद्यालय की कुछ स्थिति संभलेगी। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने कहा कि यह गंभीर बात है। इसको हम खुद देखेंगे और जल्द ही शिक्षकों की तैनाती कर दी जाएगी।

आठ माह पहले हुई थी कार्रवाई

इस विद्यालय पर शिक्षकों की तैनाती तो रही है, लेकिन कभी इसका ताला खोलने न गुरुजी गए और न ही कभी पढ़ाई हुई। आठ माह पहले जागरण टीम पहुंची तो इसका खुलासा हुआ और जागरण के खबर प्रकाशित होने के बाद तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी ने वहां तैनात शिक्षकों को निलंबित कर दिया। साथ ही विद्यालय पर किसी की तैनाती नहीं की गई और तभी से यह विद्यालय बंद है। खास बात यह है कि उस समय लापरवाही में खंड शिक्षा अधिकारी प्रभात श्रीवास्तव को बीएसए ने वहां से हटा दिया था और खुद ही खंड शिक्षा अधिकारी का कार्य वहां का देख रहे थे। इसके बाद भी इस विद्यालय की स्थिति नहीं सुधरी और उस क्षेत्र के बच्चे या तो प्राइवेट विद्यालय में पढ़ने जाते हैं या फिर नजदीक के प्राथमिक विद्यालय पर।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.