मानव जीवन का प्राण हैं पौधे : डा हरिशंकर
देवरिया : पौधों को मानव जीवन का प्राण कहने वाले पर्यावरणविद व बीआरडीपीजी के प्रोफेसर डा हरिशंकर गो¨
देवरिया : पौधों को मानव जीवन का प्राण कहने वाले पर्यावरणविद व बीआरडीपीजी के प्रोफेसर डा हरिशंकर गो¨वद राव बताते हैं कि पौधरोपण ही वह एकमात्र उपाय है, जिसके जरिए सृष्टि को विनाशलीला से बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में तबाही व किसानों के अरमानों पर पानी फेरने वाली हुदहुद यूं ही नहीं आई। यह दोनों घटनाएं पर्यावरण असंतुलन की देन हैं। धरती की हरियाली खत्म करने का एक मात्र जिम्मेदार मानव है, जिसने अपने लाभ के लिए पेड़ तो काट डाले पर पौध नहीं लगाए। नतीजतन प्राकृतिक आपदाएं भारी पड़ रही हैं। उन्होंने कहा कि पेड़ व पौधे मानव जीवन के लिए जरूरी आक्सीजन के न सिर्फ स्रोत हैं, बल्कि जहरीली कार्बन डाई आक्साइड को अवशोषित करते हैं। इससे आक्सीजन की मात्रा बरकरार रखने में भी मदद मिलती है। इसका दूसरा पहलू यह है कि जो स्थान बंजर अथवा खेती योग्य नहीं हैं वहां पौधरोपण करने से लोगों को आर्थिक लाभ मिलता है। डा. राव ने कहा कि पेड़ बेतहासा काटने से कई प्रजाति के पौधे लुप्त हो गए। इनमें औषधि पौधे भी शामिल हैं। इन्हें बचाने के लिए सम्यक प्रयास की आवश्यकता है। पौधरोपण को अभियान बनाना सबके हित में है। इससे प्राकृतिक आपदाओं को टालने में भी मदद मिलेगी।