भाजपाइयों ने फूंका बसपा नेताओं का पुतला
देवरिया : विधान सभा चुनाव का चटख रंग अब पार्टी कार्यकर्ताओं पर चढ़ने लगा है। इसी का परिणाम है कि विर
देवरिया : विधान सभा चुनाव का चटख रंग अब पार्टी कार्यकर्ताओं पर चढ़ने लगा है। इसी का परिणाम है कि विरोधी दलों को ईंट का जवाब अब पत्थर से दिया जाने लगा है। भाजपा व बसपा के बीच सियासी जोर आजमाइश का केंद्र ¨बदु बने दयाशंकर ¨सह के परिजनों पर बसपा नेताओं की अशोभनीय टिप्पणी से भड़के भाजपाई शनिवार को बेटी के सम्मान में, भाजपा मैदान में नारे के साथ सड़क पर उतर गए। उन्होंने न सिर्फ बसपा के बड़े नेताओं का पुतला फूंका बल्कि मायावती व नसीमुद्दीन सिद्दीकी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग करते हुए राज्यपाल को संबोधित पत्र ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को सौंपा। भाजपाइयों के रूख से शहर का सियासी माहौल शनिवार को सवाब पर रहा।
भाजपा जिलाध्यक्ष महेंद्र यादव की अगुवाई में करीब 11 बजे भाजपाई शहर के सुभाष चौक पर एकत्रित हुए। बसपा नेताओं पर मर्यादा लांघने का आरोप लगाते हुए उन्होंने नारेबाजी शुरू की। इस बीच भाजयुमो के क्षेत्रीय अध्यक्ष जितेंद्र प्रताप राव के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने नसीमुद्दीन सिद्दीकी के पुतले को आग के हवाले कर दिया। फिर कार्यकर्ता जुलूस की शक्ल में सिविल लाइन रोड होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे। वहां राज्यपाल को संबोधित तीन सूत्री मांगपत्र उन्होंने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को सौंपा। इसके पूर्व कलेक्ट्रेट में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते जिलाध्यक्ष ने कहा कि बसपा नेताओं की बदले की आग मर्यादा की सारी सीमा लांघ गई है। बसपा सुप्रीमो के इशारे पर नसीमुद्दीन सिद्दीकी व उनके कार्यकर्ताओं ने दयाशंकर ¨सह के परिजनों के खिलाफ जिस तरह की भाषा का उपयोग किया वह नारी अस्मिता से खुला खिलवाड़ है। ऐसे लोगों को कानून का पाठ पढ़ाना ही होगा। दयाशंकर सिहं की अबोध बेटी व उसकी मां बसपाइयों की करतूत से गहरे सदमे में हैं। जनता के बीच आकर इसका हिसाब मायावती को देना ही होगा। उन्होंने कहा कि भाजपा अनुशासित कार्यकर्ताओं की पार्टी है। नसीमुद्दीन सिद्दीकी को विधान मंडल से बर्खास्त करने की मांग करते हुए उन्होंने दयाशंकर ¨सह के परिजनों की सुरक्षा खतरे में होने की बात कही। उन्होंने कहा कि सहमी बेटी व उसकी मां को सुरक्षा हरहाल में मिलनी चाहिए। प्रदर्शन में सांसद प्रतिनिधि विजय दुबे, अनिरुद्ध मिश्र, रवींद् प्रताप मल्ल, रामधनी गौड, श्रवण ¨सह, सुरेश तिवारी, प्रमोद ¨सह दुर्गेश पांडेय, रामदास मिश्र, भूपेंद् ¨सह, मारकंडेय तिवारी,अजय मणि, संतोष त्रिगुणायत, ब्रह्मा यादव, डा सत्यप्रकाश मणि, निशिरंजन तिवारी, प्रभुनाथ मिश्र, सचिन ¨सह, श्रीनिवास मणि, डब्लू मणि, बंधु उपेंद्र ¨सह समेत सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे।