ध्वस्त ठोकर पर नदी की धारा मोड़ने का दारोमदार
देवरिया: नदियों का जल स्तर बढ़ने के साथ ही विभाग के जागरूकता की कलई खुलनी शुरू हो गई है। रेनकट व रै
देवरिया: नदियों का जल स्तर बढ़ने के साथ ही विभाग के जागरूकता की कलई खुलनी शुरू हो गई है। रेनकट व रैट होल के मरम्मत की कौन कहे दो वर्ष से क्षतिग्रस्त ठोकर पर राप्ती नदी का रुख मोड़ने का दारोमदार टिका दिख रहा है, जबकि जिम्मेदार स्टीमेट बनाने व उसकी खामी गिनाने में समय जाया कर रहे हैं।
हम बात कर रहे हैं मदनपुर-केवटलिया तटबंध पर गांव के समीप कटान रोकने व नदी की धारा मोड़ने के लिए बने ठोकर की, जो दो वर्ष से ध्वस्त है। मरम्मत की आस में बांध की सुरक्षा का महत्वपूर्ण अंग लाचार दिखाई दे रहा है। ग्रामीणों के अनुसार लगातार अधिकारियों से गुहार लगाने के बाद भी इसे ठीक करने के लिए तत्परता नहीं दिखाई दे रही है। जिम्मेदार मरम्मत की बात करने पर हर बार कार्ययोजना, स्टीमेट बनाने की बात करते हैं, जबकि हकीकत में आज तक इसके लिए कोई योजना स्वीकृति की सीढ़ी नहीं चढ़ पाई है। पूर्व में भेजा गया 22 लाख का प्रस्ताव का स्वीकृत न होना इसकी दशा सुधारने में सबसे बड़ा रोड़ा बताया जा रहा है। यह अलग बात है कि नई योजना बनाने का जुमला उछाल कर विभाग अपनी गर्दन बचाने में लग जा रहा है। उल्लेखनीय है कि 1.57 किमी लंबा यह बांध 1998 में राप्ती के कटान की भेंट चढ़ चुका है। जिसकी वजह से दर्जनों गांव के लोगों ने भीषण बाढ़ की विभीषिका झेली थी। लोगों का कहना है की यदि राप्ती ने उग्र रूप अख्तियार किया तो रहनुमाओं की शिथिलता की वजह से एक बार फिर बड़ी तबाही से इंकार नहीं किया जा सकता। इस संबंध में जानकारी के लिए अधिशासी अभियंता वीरेंद्र ¨सह से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन वार्ता नहीं हो पाई।
उप जिलाधिकारी रुद्रपुर डा. राजेश कुमार ने कहा कि व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए पत्र लिखा जाएगा। नदी के जलस्तर व बांधों पर प्रशासन की बराबर नजर है।