सहज व अनुशासन प्रिय थे गुजेश्वरी प्रसाद
देवरिया : गोरखपुर जनपद के निवासी वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तम्भकार 85 वर्षीय गुंजेश्वरी प्रसाद के निधन पर
देवरिया : गोरखपुर जनपद के निवासी वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तम्भकार 85 वर्षीय गुंजेश्वरी प्रसाद के निधन पर श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के तत्वावधान में सोमवार को कैंप कार्यालय पर शोकसभा का आयोजन किया गया। इस दौरान संयोजक डा.शशिधर मिश्र ने कहा कि गुंजेश्वरी प्रसाद पूर्वांचल के पत्रकारिता जगत के स्तम्भ थे। जिलाध्यक्ष अरुण कुमार राव ने कहा कि वे सहज व अनुशासन प्रिय व्यक्ति रहे। राकेश चंद त्रिपाठी ने कहा कि वह कभी भी जाति के बंधन में नहीं बंधे। वह उपनाम पांडेय की जगह प्रसाद लिखते थे। राममनोहर लोहिया से प्रभावित श्री प्रसाद लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्र नेता रहने के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री पं.जवाहर लाल नेहरू को काला झंडा दिखाने के आरोप में जेल भी गए। वह साप्ताहिक ¨हदुस्तान, धर्मयुग जैसे साप्ताहिक पत्रिकाओं में लेखन के साथ ही आकाशवाणी गोरखपुर से भी जुडे़ रहे।
शोकसभा में अनुग्रह नारायण शाही, संदीप तिवारी, अशोक मिश्र, डा.सौरभ श्रीवास्तव, अजरेश कुमार, सुनील शर्मा, सत्येंद्र मणि त्रिपाठी, जयद्रथ चौहान, विपिन शर्मा, अंतोष द्विवेदी, दिनेश ¨सह, मनोज मिश्र, राजेश मौर्य, घनश्याम तिवारी आदि पत्रकार मौजूद रहे। मेहरौनाघाट संवाददाता के अनुसार उपनगर के ऊ शांति सदन में पत्रकारों व प्रबुद्धजनों ने वरिष्ठ पत्रकार गुंजेश्वरी प्रसाद को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान नर्वदेश्वर पांडेय ने कहा
कि बेबाक लेखन के धनी गुंजेश्वरी का जन्म गोरखपुर के गांव मिश्रौली
कौड़ीराम में हुआ था। सत्ता से संघर्ष में 24 बार जेल की यात्रा भी करनी पड़ी। अरुण पांडेय ने कहा कि अपने मन की बात पहुंचाने के लिए कलम को हथियार बनाया। पवन पाठक, शैलेश उपाध्याय, रामकरन कुशवाहा, गो¨वद यादव ने संबोधित किया।