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आवंटित धन खर्च, परियोजना अधूरी

जागरण संवाददाता, देवरिया : केंद्र सरकार ने स्वजल धारा योजना के तहत ग्रामीणों को पेयजल मुहैया कराने क

By Edited By: Published: Fri, 27 May 2016 11:07 PM (IST)Updated: Fri, 27 May 2016 11:07 PM (IST)
आवंटित धन खर्च, परियोजना अधूरी

जागरण संवाददाता, देवरिया : केंद्र सरकार ने स्वजल धारा योजना के तहत ग्रामीणों को पेयजल मुहैया कराने का वीणा उठाया था, लेकिन कार्यदायी संस्थाओं और अधिकारियों की सुस्ती से यह योजना सफल नहीं हो सकी। आलम यह रहा कि परियोजना परवान नहीं चढ़ सकी, लेकिन 14.05 लाख रुपये खर्च जरूर हो गए। इसकी शिकायत होने पर समिति के पदाधिकारियों को 10 मई को साक्ष्य प्रस्तुत करने का मौका दिया गया, लेकिन साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए समिति के पदाधिकारी उपस्थित नहीं हुए। विभाग इस धनराशि का घोटाला मानते हुए दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू किया है।

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स्वजल धारा योजना के तहत वर्ष 2009-10 में विकास खंड भागलपुर की ग्राम पंचायत देवसिया के अलावा 12 और ग्राम पंचायतों को चयन किया गया था। इसके पश्चात ग्राम पेयजल स्वच्छता समिति देवसिया का गठन किया गया, जिसके अध्यक्ष अजय कुमार ¨सह व कोषाध्यक्ष बच्चा ¨सह को बनाया गया। ग्राम पंचायत को योजना के तहत 14.05 लाख रुपये आवंटित किया गया। धन आवंटन के सापेक्ष परियोजना का निर्माण न कराने से परियोजना अधूरी रह गई। परियोजना पूरी न होने पर देवसिया निवासी अमरेंद्र बी ¨सह ने जिला विकास अधिकारी से 2 मई 2016 को शिकायत की थी, जिसको गंभीरता से लेते हुए जिला विकास अधिकारी मंशा राम यादव ने समिति के अध्यक्ष व कोषाध्यक्ष को 10 मई 2016 को साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए कार्यालय में उपस्थित होने का निर्देश दिया था, लेकिन समिति के पदाधिकारी साक्ष्य देने के लिए उपस्थित नहीं हुए। इसको गंभीरता से लेते हुए जिला विकास अधिकारी ने धनराशि का दुरुपयोग मानते हुए दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है। योजना के तहत ग्राम पंचायत में पानी की टंकी और जगह-जगह स्टैंड पोस्ट के अलावा जनरेटर लगाए जाने थे, लेकिन परियोजना पूरी नहीं हो सकी।

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स्वजल धारा योजना के तहत देवसिया का चयन वर्ष 2009-10 में किया गया था। ग्राम पंचायत को 14.05 लाख रुपये भी आवंटित कर दिए गए, लेकिन गठित समिति ने परियोजना का कार्य पूर्ण न कराकर उसे अधूरा छोड़ दिया। समिति के पदाधिकारियों को साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए बुलाया गया था, लेकिन साक्ष्य के लिए उपस्थित नहीं हुए। अब दोनों के खिलाफ धनराशि का गबन मानते हुए मुकदमा दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।''

मंशा राम यादव, जिला विकास अधिकारी

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