डीएम आवास के सामने चला बुलडोजर
जागरण संवाददाता, देवरिया: इसे हाइकोर्ट का खौफ का असर कहें या फिर देर से ही सही लापरवाह प्रशासनिक
जागरण संवाददाता, देवरिया: इसे हाइकोर्ट का खौफ का असर कहें या फिर देर से ही सही लापरवाह प्रशासनिक मशीनरी के कर्तव्य बोध का परिणाम। वर्षों तक अतिक्रमण का शिकार रही जिलाधिकारी आवास के ठीक सामने के सड़क की पटरी अब आजाद हो गई है। चिराग तले अंधेरे को दूर करने में प्रशासन को कामयाबी मिल गई है। शहर में जाम की समस्या वर्षों पुरानी है। फिर भी जिम्मेदार सोते रहे। उन्हें न तो खुद के दायित्व की परवाह रही और न ही उन लोगों की ¨चता जो शहर में जाम भरी सड़कों से गुजरने को मजबूर हैं। जिम्मेदारों की लापरवाही का आलम यह रहा कि जाम का नामकरण तक होने लगा। उन कारणों की तलाश भी होने लगी जो जाम के सबब बने। इसके तहत सड़क पर अतिक्रमण को समस्या का मूल व बड़ा कारण माना गया। डीएम आवास के सामने वन विभाग द्वारा रोपे गये पौधे आवागमन में न सिर्फ बाधा बनने लगे बल्कि वहां दुर्घटना का नया दौर भी शुरू हो चला। जनता की वेदना से कई बार उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया, फिर भी उनके कान पर जूं नहीं रेंगा। अधिकारियों के अड़ियल रवैये से हताश राहगीर वेदना मन में दबा कर आवागमन को मजबूर हो गये। इधर अतिक्रमण पर प्रशासनिक अफसरों ने जब धावा बोला तब लोगों की नजर एक बार फिर डीएम आवास के सामने आ कर ठहर गई। बुधवार की शाम सुभाष चौक पर जब अतिक्रमण रोधी अभियान समाप्त हुआ तो संदेह के बादल एक बार फिर गड़गड़ाने लगे। प्रशासनिक डंडे के कारण सड़क की पटरी छोड़ कर भागे छोटे व्यापारी भी प्रशासनिक चूक का ही इंतजार कर रहे थे। पर गुरूवार को दोपहर बाद प्रशासनिक अफसर एक बार फिर डीएम बंगले के सामने खड़े हुए। उपजिलाधिकारी अजय कुमार श्रीवास्तव व क्षेत्राधिकारी सदर सुशील कुमार ¨सह की मौजूदगी में अतिक्रमण पर बुलडोजर चला। यह देख लोगों ने राहत की बड़ी सांस ली। अभियान आगे भी जारी रहेगा।