जिम्मेदारों ने निकाल दी स्वच्छता अभियान की हवा
जागरण संवाददाता, सलेमपुर, देवरिया: एक साल पहले गांधी जयंती के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे
जागरण संवाददाता, सलेमपुर, देवरिया: एक साल पहले गांधी जयंती के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश में स्वच्छता अभियान चलाया तो ऐसा लगा कि देश पूरी तरह से स्वच्छ हो जाएगा, लेकिन चंद दिनों बाद ही इस अभियान की हवा निकलने लगी और आज पहले से भी बदतर स्थिति हो गई है। सांसद आवास के पास, नगर पंचायत कार्यालय गेट के सामने और उप जिलाधिकारी कार्यालय के पीछे कचरा का अंबार है। जब जिम्मेदारों की यह स्थिति है तो इस अभियान का क्या हाल होगा इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
2 अक्टूबर 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में स्वच्छता अभियान की शुरुआत की। क्षेत्रीय सांसद रवींद्र कुशवाहा के साथ ही यहां वरिष्ठ नेता व अधिकारी झाड़ू लिए पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सलेमपुर पहुंचे और जबरदस्त सफाई की। इसके बाद वह उप जिलाधिकारी कार्यालय फिर रेलवे स्टेशन पर सफाई की। इसी तरह नगर पंचायत अध्यक्ष देवंती देवी, प्रतिनिधि ओमप्रकाश यादव अधिशासी अधिकारी अवधेश ¨सह ने नगर पंचायत कार्यालय के सामने व गांधी चौक पर झाडू चलाया। इनके तेवर देखने से ऐसा लगा कि अब नगर कचरा मुक्त हो जाएगा, लेकिन दूसरे दिन ही इस अभियान की हवा निकलने लगी और नेताओं के हाथों से झाडू छूटने लगे। आज नगर की स्थिति बदतर हो गई है। शनिवार को जागरण टीम ने नगर की सफाई व्यवस्था का हाल जाना। सांसद आवास के सामने सलेमपुर-सोहनाग रोड पर ट्रांसफार्मर के सामने कचरा का अंबार मिला। इसी तरह नगर पंचायत अध्यक्ष के घर जाने वाली सड़क की पटरी कचरे से पटी हुई है। सभासद प्रदीप यादव के घर के पास मौजूद गड्ढा के समीप तो कूड़े का अम्बार लगा है। नगर पंचायत अध्यक्ष के घर से बीस कदम दूर पोस्ट आफिस गली की सड़क के किनारे भी कचरा फेंका गया है। पोस्ट आफिस गली में ही महेंद्र सेठ के घर के सामने भी कचरा दिखाई दे रहा है। नगर की सफाई की जिन कंधों पर जिम्मेदारी है, उस नगर पंचायत कार्यालय के गेट के सामने ही कूड़ा-कचरा पड़ा है। कार्यालय के पीछे की स्थिति तो और ही बदतर हो गई है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सलेमपुर में भी जगह-जगह कचरा है और नाली जाम है। उप जिलाधिकारी कार्यालय के पीछे भी गंदगी है। खंड विकास अधिकारी के आवास व कार्यालय के पीछे भी गंदगी कम नहीं है। वहां भी कचरों को ढेर पड़ा है और सूअरों का अड्डा बन गया है। नगर के हर मोहल्लों की नालियां जाम पड़ी हैं। विद्युत उपकेंद्र के पास भी गंदगी है। लोगों का कहना है कि जब नगर के जिम्मेदारों की यह स्थिति है तो यह स्वच्छता अभियान कैसे सफल होगा?