ट्रेन की चपेट में आए दो बच्चे, मौत
जागरण संवाददाता, भाटपाररानी, देवरिया : बिहार की सीमा में स्थित मैरवा रेलवे स्टेशन के रेक प्वाइंट के
जागरण संवाददाता, भाटपाररानी, देवरिया : बिहार की सीमा में स्थित मैरवा रेलवे स्टेशन के रेक प्वाइंट के समीप शुक्रवार की शाम ट्रेन की चपेट में आकर दो बच्चों की मौत हो गई। इस घटना की सूचना स्टेशन अधीक्षक ने जीआरपी को सूचना दी। मौके पर पुलिस पहुंची तब तक परिजन शव को उठा ले गये थे, खून के छींटे से घटना स्थल चिन्हित हुआ। समाचार लिखे जाने तक कट कर मरे बच्चों के नाम व गांव की पुष्टि नहीं हो सकी थी।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार स्टेशन पर मालगाड़ी से छत के ¨लटर में प्रयोग होने वाली गिट्टी उतरती है। मालगाड़ी के नीचे से बच्चे गिट्टी चुनकर झोले में रखते हैं और तकरीबन एक टायर होने पर उसे बेच देते हैं। घटना की शाम दोनों बच्चे मालगाड़ी के नीचे गिट्टी चुन कर अपने झोले में रख रहे थे। इस बीच मजदूर आ गये। बच्चे मजदूरों को देख मालगाड़ी के नीचे से निकलकर दूसरे ट्रैक पर भागे। इसी बीच सामने से हावड़ा काठगोदाम ट्रेन की आ गई और बच्चे चपेट में आ गये। दोनों बच्चों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। घटना की सूचना लोगों ने स्टेशन अधीक्षक को दी। उन्होंने जीआरपी को फोन कर बताया। मौके पर जीआरपी पहुंचती कि दोनों बच्चों का शव परिजन लेकर फरार हो गए। घटना को जिसने भी देखा उसके रोंगटे खड़े हो गए। आसपास के लोगों के अनुसार दोनों बच्चे नट बिरादरी के हैं। स्टेशन अधीक्षक आरबीएम पांडेय ने कहा कि घटना की सूचना जीआरपी को दिया गया। पुलिस मौके पर पहुंचती कि दोनों शव ट्रैक से गायब हो गया था।
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काश पहले ही चेत गया होता रेल प्रशासन
-मैरवा रेलवे स्टेशन पर मालगाड़ी के नीचे से गिट्टी बीनने का खेल कोई नया नहीं है। मालगाड़ी के नीचे से गिरी हुई गिट्टी को बीनकर एकत्र करना और ज्यादा होने पर उसे बेचने का कार्य क्षेत्र के दर्जनों लोग धंधे के रूप में करते हैं। एक मालगाड़ी में 40 से 42 बोगी होती है और यह तीन चार दिन में माल खाली होता है। एक मालगाड़ी जाती है तो दूसरी आ जाती है। ऐसे में दिन में छोटे बच्चे तो रात में बच्चों के पिता भी यह कार्य करते हैं। इस तरफ रेल प्रशासन या जीआरपी का ध्यान कभी नही गया। रेलवे अगर इसे लेकर कड़ाई से कार्रवाई करता तो दो जानें बच जाती है।