बिछड़े जिगर को पाकर निहाल हुई मां
देवरिया : अचानक आंख से ओझल साढ़े तीन वर्ष के पुत्र के दोबारा न मिलने से एक महिला इस कदर हताश हुई कि
देवरिया : अचानक आंख से ओझल साढ़े तीन वर्ष के पुत्र के दोबारा न मिलने से एक महिला इस कदर हताश हुई कि उसने अपनी इहलीला का अंत कर लेने का मन बना लिया। रेलवे ट्रैक की तरफ तेजी से बढ़ रहे महिला के कदम की जानकारी जब रेलवे चौकी प्रभारी अर¨वद कुमार राय को हुई तो वह तत्काल हरकत में आ गए। उन्होंने न सिर्फ बिछड़े मासूम को उसकी मां से मिलाया, बल्कि अनहोनी टालने में भी अहम भूमिका भी अदा की।
कोतवाली प्रभारी गजेंद्र राय को सूचना मिली की साढ़े तीन वर्ष का एक मासूम बालक लावारिश हाल में शहर के अंसारी रोड पर मिला है। तोतली बोली से सिर्फ अपनी मां के नाम का उच्चारण कर रहा बालक यह बता पाने में असमर्थ था कि उसका घर कहां है? वह अपने परिजनों से कैसे बिछड़ गया? हालात की गंभीरता भांप उसे साथ लेकर पुलिस कोतवाली आई। फिर शुरु हुई कोशिश बालक को उसके मां से मिलाने की। सभी थाना प्रभारियों को बताया गया कि कोतवाली क्षेत्र में एक बालक मिला है।
रेलवे चौकी इंचार्ज अर¨वद कुमार राय को किसी ने सूचना दी कि पुत्र के वियोग में एक महिला खुद की जान देने की कोशिश कर रही है। रेलवे ट्रैक के किनारे खड़ी महिला ट्रेन आने का इंतजार कर रही है। भनक लगते ही चौकी प्रभारी हरकत में आ गए। मौके पर पहुंच वह महिला के दुख को साझा करने लगे। शिल्पी नाम की महिला ने बताया कि उसका मासूम पुत्र कहीं भटक गया है। काफी खोजबीन के बाद भी वह नहीं मिला। पुत्र का नाम जिगर बताने वाली महिला ने कहा कि सिर्फ नाम ही नहीं बल्कि वह मेरा जिगर भी है। मूल रूप से बिहार प्रांत के जिला गोपालगंज स्थित विजईपुर थाना क्षेत्र के ग्राम छितैना निवासी महिला शिल्पी उस मासूम को तलाश रही है, जिसे शहर के अंसारी रोड पर लावारिश हाल में पाया गया। रेलवे चौकी प्रभारी ने जिगर की मुलाकात उसके मां से कराई। पुत्र को देख शिल्पी के आंख से खुशी की लोर बह निकली। यह नजारा देख पुलिस कर्मियों की आंखें भी नम हो गईं।