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अब कांफ्रें¨सग के जरिए होगी कैदियों की पेशी

देवरिया : न्यायालय में पेशी के लिए जाते समय कैदियों के फरार होने की घटनाओं से नसीहत लेते हुए शासन स

By Edited By: Published: Wed, 22 Jul 2015 10:57 PM (IST)Updated: Wed, 22 Jul 2015 10:57 PM (IST)
अब कांफ्रें¨सग के जरिए होगी कैदियों की पेशी

देवरिया : न्यायालय में पेशी के लिए जाते समय कैदियों के फरार होने की घटनाओं से नसीहत लेते हुए शासन से नई व्यवस्था बनाने का फरमान है। इसके अनुसार अब कैदियों की पेशी वीडियो कांफ्रे¨सग के जरिए होगी। यह व्यवस्था देवरिया जेल में भी लागू होने जा रही है, ताकि कुशीनगर एवं अन्य जनपद में पेशी पर जाने वाले कैदियों को वहां ले जाने की झंझट से राहत मिल सके। इस बाबत शासन का पत्र मिलने के बाद से ही जेल में कांफ्रे¨सग भवन का कार्य शुरु हो गया है। जेल प्रशासन इलेक्ट्रिक व्यवस्था को दुरुस्त करने में जुट गया है।

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वर्तमान में जिला कारागार में 1300 कैदी बंद हैं। इसमें से 750 कैदी कुशीनगर जनपद के हैं। बाकी देवरिया जनपद व अन्य स्थानों से हैं। इन कैदियों को देवरिया, गोरखपुर, कुशीनगर, मऊ सहित अन्य न्यायालय में पेशी के लिए ले जाया जाता है। इस मद में सरकार का प्रतिमाह लाखों रुपये का डीजल खर्च होता है। इसके अलावा कैदी वाहन पर सुरक्षा कर्मियों पर अलग से खर्च आता है। लगभग हर दिन पेशी से लौटने में भी देर होती है। लिहाजा सुरक्षा व्यवस्था भी कठिन रहता है। यही नहीं पेशी पर जाते-आते कैदी सुरक्षा कर्मियों से सांठ गांठ कर पेशी के बाद मौज मस्ती करते हुए वापस लौटते थे। इससे कैदियों के भागने की घटनाएं भी हो चुकी हैं। इसका उदाहरण सलेमपुर रेलवे स्टेशन की घटना है, जहां पेशी से लौटते समय सतीश ¨सह नाम का अपराधी सुरक्षा कर्मियों पर फाय¨रग कर फरार हो गया था। इसके अलावा गोरखपुर से पेशी से वापस जिला कारागार आते समय कुख्यात अपराधी चंदन ¨सह औराचौरी के पास ट्रेन से कूदकर फरार हो गया था। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ही वीडियो कांफ्रे¨सग के जरिए कैदियों की पेशी की व्यवस्था बनाई जा रही है। शासन का मानना है कि पेशी के लिए यह व्यवस्था हो जाने से कैदियों के फरार होने जैसी घटनाओं पर विराम लग जाएगा।

इस मुद्दे पर बातचीत में जेल अधीक्षक रंगलाल पटेल ने शासन का पत्र मिलने की पुष्टि की। कहा कि शासन के आदेश पर अमल करते हुए दो कांफ्रे¨सग भवन का निर्माण कार्य चल रहा है। यह व्यवस्था शुरू हो जाने से जेल प्रशासन व पुलिस को सहूलियत मिलेगी। कैदियों के फरार होने का अंदेशा भी नहीं रहेगा। कैदियों को ले जाने और वापस लाने पर होने वाला खर्च की बचत होगी। कब से यह व्यवस्था शुरू होगी के सवाल पर जेल अधीक्षक सटीक समय नहीं दे पाए, लेकिन नई व्यवस्था शीघ्र लागू होने की उम्मीद जताई।


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