अब हत्यारोपी की मदद करने वालों की तलाश
देवरिया : प्रशासन की पीठ में छुरा घोंपकर तिहरे हत्याकांड के आरोपी की मदद करने वाले घर के भेदिये की त
देवरिया : प्रशासन की पीठ में छुरा घोंपकर तिहरे हत्याकांड के आरोपी की मदद करने वाले घर के भेदिये की तलाश शिद्दत से की जा रही है। पुलिस ही नहीं बल्कि प्रशासनिक अमला भी उस सरकारी कर्मचारी को ढूंढ रहा है, जिसने कानून की नजर में बालिग अभियुक्त को अभिलेख में नाबालिग करार दिया। ऐसे आरोपी को चिन्हित करने के बाद उसे निलंबित करने की संस्तुति करते हुए पुलिस अधीक्षक डा.मनोज कुमार ने डीएम को पत्र लिखा है।
बरहज थाना क्षेत्र में तीन दलित लड़कियों को एक साथ मौत के घाट उतारने के चार आरोपियों में से एक राजकोकिल के परिजनों ने जब दावा किया कि उसकी उम्र महज साढ़े चौदह वर्ष है, तो पुलिस के माथे से पसीने छूटने लगे, कारण कि हत्यारोपी के खिलाफ पुलिस ने बालिग के तौर पर कार्रवाई की। राजकोकिल के परिजन दावे को बल देते कुटुंब रजिस्टर की जो नकल उच्चाधिकारियों के समक्ष रखे, वह अलग तस्वीर बयां कर रही है। कुटुंब रजिस्टर के अनुसार राजकोकिल का जन्म वर्ष 2000 है। हत्यारोपियों के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई की संस्तुति कर चुके प्रशासनिक अमले को समझते देर नहीं लगी कि पर्दे के पीछे बड़ा खेल हुआ है। घर में छिपे किसी भेदिये की मदद से जघन्य हत्या के आरोपी कानून के चंगुल से छूटने की जुगत लगा रहे हैं। उच्चाधिकारियों को आशंका है कि स्थानीय कर्मचारियों की मिलीभगत से कुटुंब रजिस्टर में हेराफेरी की गई है। मामले की गंभीरता भाप पुलिस अधीक्षक डा.मनोज कुमार ने एक तरफ जहां जिलाधिकारी को पत्र लिख कर ऐसे संदिग्ध कर्मचारी की शिनाख्त व उसके खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की है, वहीं दूसरी तरफ जिला चिकित्सा अधिकारी को भेजे पत्र में उन्होंने मेडिकल बोर्ड गठित कर तिहरे हत्याकांड के आरोपी की उम्र सत्यापित करने को कहा है। उच्चाधिकारी के इस कदम से यह बात शीशे की तरह साफ है कि पुलिस ऐसी कोई भी चूक खुद के स्तर से नहीं करना चाहती जो जघन्य हत्याकांड के आरोपियों के लिए वरदान बने। इस बाबत एसपी ने कहा कि प्रकरण गंभीर है। जघन्य घटना के आरोपियों को इस कदर मदद करना भी गंभीर अपराध है। ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी को पत्र लिखा गया है।