फाइलेरिया से जंग को महकमा तैयार
देवरिया: जनपद में फाइलेरिया से दो-दो हाथ करने के लिए विभाग ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है। जिले में
देवरिया:
जनपद में फाइलेरिया से दो-दो हाथ करने के लिए विभाग ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है। जिले में तीन दिनों 9 से 11 मार्च तक चलने वाले फाइलेरिया नियंत्रण अभियान के लिए जहां विभागीय अधिकारी व स्वास्थ्य कर्मी प्रशिक्षित हो चुके हैं वहीं एलविंडाजोल की 24 व डीईसी की 54 लाख गोलियां जिला मुख्यालय पहुंच चुकी हैं। अभियान की सफलता के लिए दो दिनों के अंदर समस्त सीएचसी-पीएचसी को वितरित कर दी जाएगी।
विभागीय सूत्रों के अनुसार जनपद की जनसंख्या 31 लाख 946 है, जिनमें से 24 लाख 80 हजार 757 लोगों को अभियान के तहत फाइलेरिया की दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है, जो लक्ष्य का 80 फीसद है। इसके लिए ब्लाकवार कुल 2700 दवा वितरकों की टीमें बनाई गई हैं। अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए 269 सुरपवाईजरों की ड्यूटी लगाई गई है जो पर्यवेक्षण करेंगे, ताकि एमडीए कार्यक्रम सुचारू रूप से संपन्न हो सके।
दिल्ली से दवा आने के साथ ही मलेरिया विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की देखरेख में जिले के 61 न्यू पीएचसी, 8 उच्चीकृत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 7 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के साथ 365 उप केंद्रों को दवाओं का वितरण कार्य शुरू कर दिया गया है, ताकि 9 मार्च से शुरू होने वाले अभियान की सफलता सुनिश्चित हो सके।
बता दें कि जनपद में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए चलने वाले अभियान की तैयारी प्रशिक्षण के साथ पहले ही शुरू हो गई थी। जिला स्तर पर प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके स्वास्थ्य कर्मी ब्लाक स्तर पर आगामी 2 से 5 मार्च तक होने वाले प्रशिक्षण में दवा वितरकों को दवाओं के इस्तेमाल व वितरण की जानकारी देंगे।
दवाओं का सेवन सिर्फ दो वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को ही करना है। अधिक उम्र के वृद्ध, गर्भवती महिलाओं व गंभीर रोग से ग्रसित व्यक्तियों को फाइलेरिया की दवा का सेवन नहीं करना चाहिए। डीईसी (डाई इथाइल कार्बामिजीन) गोलियां 2 से 5 वर्ष तक के बच्चों को 100 मिग्रा यानि एक गोली, जबकि 6 से 14 वर्ष तक लोगों को 200 मिग्रा अर्थात दो गोली तथा 15 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को 300 मिग्रा यानि तीन गोली एक साथ सेवन करनी है। दो वर्ष से कम आयु के बच्चों, गर्भवती महिलाओं, वृद्ध व बीमार व्यक्ति को दवा का सेवन नहीं करना है। जबकि दवा का सेवन करने वाले कुछ खाकर ही लें। खाली पेट दवा न खाएं।
इस रोग से होने वाले हाइड्रोसील, पैर में सूजन, स्तन तथा गुप्तागों में सूजन, पेशाब में सफेदी, नसों का फूलना जैसे लक्षणों से बचाव के लिए डीईसी की गोलियों का सेवन जरूरी है।