अस्पताल से प्यासे लौट रहे मरीज
देवरिया : मौसम की तासीर गरमाने लगी है। तापमान चढ़ने के साथ ही लोगों की प्यास बढ़ने लगी है और क्षेत्
देवरिया : मौसम की तासीर गरमाने लगी है। तापमान चढ़ने के साथ ही लोगों की प्यास बढ़ने लगी है और क्षेत्र के अस्पतालों में मरीजों व तीमारदारों के लिए शुद्ध पेयजल के इंतजाम नहीं हैं। पानी की टंकियां शो पीस बनी हैं तो हैंडपंप दूषित व दुर्गधयुक्त जल उगल रहे हैं। जिसके सेवन से सेहत और बिगड़ रही है। लिहाजा अस्पतालों से प्यासे लौटना मरीजों की मजबूरी है। जल निगम व स्वास्थ्य महकमा इस समस्या से आंख मूंदे हुए है।
नया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बरहज के मरीजों को टोटी का पानी मयस्सर नहीं है। परिसर में लगा एक मात्र इंडिया मार्का हैंडपंप मीठा जहर उगल रहा है। जिसके सेवन से मरीजों, तीमारदारों की सेहत पर असर पड़ रहा है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का भी यही हाल है। यहां प्रतिदिन डेढ़ सौ से दो सौ मरीज व तीमारदार आते हैं। उनके लिए स्वच्छ पानी का कोई इंतजाम नहीं है। परिसर में लगा हैंडपंप दूषित जल दे रहा है। मरीजों को प्यास बुझाने के लिए अस्पताल परिसर से बाहर जाना पड़ता है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र महेन की हालत तो और भी खराब है। यहां पेयजल के लिए लगी पानी की टंकी शो पीस बन कर रह गई है और इंडिया मार्का हैंडपंप भी दूषित जल उगल रहा है। यहां मरीजों के साथ कर्मचारी भी पेयजल की मुश्किलों से दो-चार हैं।
संजय कुमार बरनवाल, राकेश त्रिपाठी, अनिल निषाद, अमित जायसवाल, परमहंस राय, मनीष मल्ल, राजेश शर्मा, संदीप कुमार, मुन्ना बरनवाल आदि का कहना है कि विभागीय अफसर मरीजों की सेहत को लेकर बेपरवाह हैं। पेयजल जैसी आवश्यक जरूरतों पर लापरवाह रवैया हैरान करने वाला है। इस संबंध में चिकित्सक डा. हरेंद्र प्रसाद ने बताया कि हैंडपंपों के दूषित जल देने की लिखित सूचना जल निगम को दी गई है, लेकिन अभी तक ठीक नहीं किया जा सका है।