विकलांग बच्चों को पढ़ाने का गुर सीखेंगे गुरुजी!
देवरिया : अब परिषदीय स्कूलों के शिक्षक भी विकलांग बच्चों को पढ़ाने का गुर सीखेंगे। सर्वशिक्षा अभिय
देवरिया :
अब परिषदीय स्कूलों के शिक्षक भी विकलांग बच्चों को पढ़ाने का गुर सीखेंगे। सर्वशिक्षा अभियान के समेकित शिक्षा के अंतर्गत सूबे के 75 जनपदों के 26053 शिक्षक दृष्टिबाधित व मूक बधिर बच्चों को पढ़ाने के लिए पांच दिवसीय प्रशिक्षण में शामिल होंगे। प्रशिक्षण पर प्रति शिक्षक एक हजार की दर से सरकार के सूबे में 2 करोड़ 60 लाख 53 हजार रुपये खर्च होंगे।
योजना के तहत ब्रेल एवं साइन लैंग्वेज प्रशिक्षण में गोरखपुर-बस्ती में प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के कुल 2771 शिक्षक प्रतिभाग करेंगे। इनमें दृष्टिबाधित बच्चों को पढ़ाने के लिए 1599 व मूक बधिर बच्चों को पढ़ाने लिए 1132 शिक्षक प्रशिक्षित किए जाएंगे।
शासन ने प्रशिक्षण को लेकर जारी निर्देश में स्पष्ट किया है कि प्रशिक्षण की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए आवश्यक है कि प्रशिक्षण से संबंधित विषयों पर वार्ता के लिए योग्य रिसोर्स व इंटीनरेंट शिक्षक को लगाया जाए।
दृष्टिबाधित व मूक बधिर बच्चों को पढ़ाने के लिए पांच दिवसीय प्रशिक्षण के लिए अध्यापकों के चयन के लिए मानक तय किए गए हैं। दृष्टिबाधित बच्चों को पढ़ाने के लिए जिन शिक्षकों का चयन होगा उनमें प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों जिनके दृष्टिहीन बच्चे-2014-15 के एक्सलेरेटेड लर्निग कैंप में पंजीकृत हैं के एक-एक अध्यापक को ब्रेल का प्रशिक्षण दिलाया जाएगा, ताकि कैंप की अवधि समाप्त होने के पश्चात उन बच्चों को शिक्षा देने के लिए प्रशिक्षित अध्यापक सहयोग देंगे। यदि जनपद में ब्रेल प्रशिक्षण के लिए निर्धारित संख्या से अधिक विद्यालयों में दृष्टिहीन बच्चे पंजीकृत हैं तो ऐसे विद्यालय के अध्यापक को लिया जाए, जहां एक से अधिक दृष्टिहीन बच्चे पंजीकृत हों। मूक बधिर बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रशिक्षित किए जाने वाले शिक्षकों का चयन भी ठीक इसी प्रकार किया जाएगा।