Move to Jagran APP

मृत्यु भी होती है भक्तों के अधीन

देवरिया : तहसील क्षेत्र के बनकटा मिश्र गांव में भागवत कथा का रसपान कराते हुए वृंदावन से पधारे महेश च

By Edited By: Published: Mon, 24 Nov 2014 11:10 PM (IST)Updated: Mon, 24 Nov 2014 11:10 PM (IST)
मृत्यु भी होती है भक्तों के अधीन

देवरिया : तहसील क्षेत्र के बनकटा मिश्र गांव में भागवत कथा का रसपान कराते हुए वृंदावन से पधारे महेश चंद्र शास्त्री ने कहा कि जीव को मुक्ति चाहिए तो उसे धाम या भगवत नाम का आश्रम ले लेना चाहिए। हमारा पूरा जीवन सुधर जाएगा। सच्चे भक्त के अधीन स्वयं परमात्मा होते हैं। मृत्यु भी सच्चे भक्त के अधीन होती है।

loksabha election banner

उन्होंने कहा कि कुसंग को छोड़कर भगवत नाम का जप मनुष्य को करना चाहिए। संतों के आश्रम का रास्ता अपनाएं। यहां वास करने से गुरु के प्रवचन व अविरल भक्ति की धारा आपको जीवन की सच्चाई से साक्षात्कार कराएगी और आपके बंद नेत्र खुल जाएंगे। अज्ञानता से पर्दा हटते ही यथार्थ का ज्ञान हो जाएगा। अच्छाई व बुराई ये दोनों चीजें हमारे अंदर हैं। यह हम पर निर्भर करता है कि किसे आगे बढ़ने देते हैं। उन्होंने कहा कि पांच वर्ष की अवस्था में भक्त ध्रुव को भगवत प्राप्ति हो गई थी। उनकी साधन निर्मल थी। भक्ति की कोई उम्र नहीं होती। भीष्म पितामह, द्रोणाचार्य आदि कई महापुरुष हैं, जिन्होंने भगवत प्राप्ति से ही मृत्यु को अपने वश में किया।

इस दौरान धनश्याम मिश्र, अवनीश मिश्र, ग्राम प्रधान कामेश वर्मा, संत कुमार मिश्र, दीपक मिश्र, देवानंद मिश्र, माहेश्वर मिश्र, सुधीर मिश्र, प्रत्युष मिश्र, मनीष देव मिश्र, सोनू वर्मा, नीतू मिश्रा, मीनाक्षी मिश्रा, किरन त्रिपाठी, वंदना, दिव्या, तान्या, सुदामा, स्वामीनाथ, विमलेंदु मिश्र आदि मौजूद रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.