बुढ़ापे की लाठी छिनी, अनाथ हुए मासूम
देवरिया : अजय की मौत ने एक परिवार को बेसहारा कर दिया है। बूढ़े मा-बाप के बुढ़ापे की लाठी छिन गई तो छ
देवरिया : अजय की मौत ने एक परिवार को बेसहारा कर दिया है। बूढ़े मा-बाप के बुढ़ापे की लाठी छिन गई तो छोटे-छोटे बच्चों के सिर से पिता का साया। मां की ममता से वंचित बच्चों के लिए अब पिता का प्यार भी सदा के लिए छिन गया। बाबा भगवती सिंह की गोद में गुमसुम बैठी शिवानी (6) की बेबस आंखों में अनगिनत सवाल हैं। दरवाजे पर आने वाले लोगों से उसके आंसू पोछ रहे हैं। आखिर उसका कसूर क्या था? काजल (10) तथा प्रियांशु (8) खामोश बैठी थी। उनकी आंखों के आंसू जैसे सूख गए थे। बूढ़े पिता भगवती सिंह संवेदना के दो बोल सुनते ही फफक पड़े। बोले पता नहीं भगवान कवने गलती के सजा हमके दे तान। हमनी के त दूनो परानी कुछ दिन के मेहमान बानी जा। जइसे-तइसे दिन कटि जाई, लेकिन छोट लड़िका केकरे भरोसे रहिहें। भगवान क अइसन इंसाफ नाही देखले रहनी ह।
छह माह पूर्व पत्नी की जलने से हुई मौत
इसे परिवार व बच्चों का दुर्भाग्य कहें या नियति का क्रूर खेल। एक ही परिवार में छह माह के अंतराल पर जलने से दो मौतें हुईं। पति व पत्नी की। छह माह पूर्व उसकी पत्नी अंजली ने भी घर में आग लगाकर अपनी जान दे दी और अब अजय की मौत का कारण भी आग ही बनी है।