अस्पताल से दवा, घर से पानी
देवरिया : नया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोढ़ा पूरी तरह से अव्यवस्था के चंगुल में है। अस्पताल कर्मचा
देवरिया : नया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोढ़ा पूरी तरह से अव्यवस्था के चंगुल में है। अस्पताल कर्मचारियों की अनुपलब्धता, बिजली, पानी, दवा एवं अन्य बुनियादी सुविधाएं की कमी से जूझ रहा है। दुर्व्यवस्था इतनी कि मरीज अस्पताल आने के बजाय झोलाछाप डाक्टरों की शरण ले रहे हैं।
शासन से दो चिकित्सक, एक फार्मासिस्ट, वार्ड ब्वाय, लैब तकनीशियन, एक स्वीपर तथा एक एएनएम सहित सात पद स्वीकृत हैं। विभाग द्वारा कागज में दो चिकित्सकों के साथ पांच कर्मचारियों की तैनाती की गई है, लेकिन मरीजों के इलाज का जिम्मा प्रभारी चिकित्साधिकारी डा.शंभूनाथ यादव पर है। कारण कि दूसरे चिकित्सक एक साल से अस्पताल ही नहीं पहुंचे। वार्ड ब्वाय का पद भी रिक्त है।
अब नजर दौड़ाते हैं सुविधाओं पर। अस्पताल की चहारदीवारी एक वर्ष पूर्व तेज हवा के दबाव में ध्वस्त हो गई, जिससे छुट्टा पशु परिसर में घूमते रहते हैं। फार्मासिस्ट कक्ष में आलमारी नहीं है, जिससे दवाएं फर्श पर पड़ी रहती हैं। नमी के चलते दवाइयां अक्सर खराब हो जाती हैं। फ्रिज के अभाव में वैक्सिन नहीं रखी जाती, जिससे टीकाकरण के लिए महिलाओं व बच्चों को बरहज जाना पड़ता है। जीवनरक्षक दवाइयां भी खराब हो रही हैं। हैंडपंप न होने से मरीजों के साथ-साथ स्वास्थ्य कर्मियों को भी जलालत झेलनी पड़ती है। पानी के लिए गांव या फिर स्कूल में परिसर में जाना पड़ता है। पानी की टंकी शोपीस बनकर रह गई है। मरीजों व तीमारदारों के बैठने का भी इंतजाम नहीं है। कुर्सी व बेंच न होने से मरीज फर्श बैठते हैं।
इस संबंध में मुख्य चिकित्साधिकारी डा.एएन तिवारी ने बताया कि जो चिकित्सक अस्पताल नहीं आते उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। अन्य आवश्यक सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएंगी।