घटना को लेकर पुलिस पर भी उठ रही अंगुलियां
देवरिया : बेलवनियां की धरती शनिवार को पौ फटते ही अपनों के खून से लाल हो गई। रिश्ते दागदार हुए तो बेट
देवरिया : बेलवनियां की धरती शनिवार को पौ फटते ही अपनों के खून से लाल हो गई। रिश्ते दागदार हुए तो बेटियों के सिर से ममता की छांव सदा के लिए छिन गई। घटना को अंजाम देने के लिए एक तरफ जहां लोग दयाशंकर को कोस रहे थे, तो वहीं पुलिस की तरफ भी अंगुलियां उठ रही थीं। ग्रामीणों की जुबान पर चर्चा थी कि अगर पुलिस ने अपनी जिम्मेदारी निभाई होती, तो यह घटना नहीं हुई होती।
मदन व दयाशंकर के बीच लंबे समय से भूमि के बंटवारे का विवाद चल रहा था। आएदिन दोनों पक्षों में विवाद होता रहता था। मदन दिल्ली में नौकरी करते हैं। पत्नी व छह बेटियां घर पर थी। बेटियों में सुधा व सुमन की शादी हो चुकी है। बीते छह जून को दयाशंकर ने मदन की पत्नी रमावती व उसकी दो बेटियों को पीट कर कमरे में बंद कर दिया था। पड़ोसियों के आग्रह पर उसने रिहा किया। पुलिस से शिकायत की गई, तो जिम्मेदारों ने ध्यान नहीं दिया। डेढ़ माह पूर्व मृतका की पुत्री नीरज की जमकर पिटाई कर दी गई। रमावती की तहरीर पर पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लिया, लेकिन बिना किसी कार्रवाई के छोड़ दिया। पुलिस से छूट पाने के बाद दयाशंकर अक्सर मारपीट करने लगा, जिसकी परिणति रमावती की हत्या के रूप में सामने आई। बेटी नीरज, वंदना, ज्योति तथा सीमा के सिर से सदा के लिए मां की ममता छिन गई है। मां की मौत के बाद उनका रो-रो कर बुराहाल था। नीरज मां के शव से लिपट कर चीख रही थी। महिलाएं उसे चुप कराने का प्रयास कर रही थीं। वंदना, ज्योति व सीमा का भी यही हाल था।
पत्नी की मौत पर उठी थी दयाशंकर पर अंगुली
दयाशंकर के पत्नी की मौत संदिग्ध परिस्थितियों में जहर खाने से दस वर्ष पूर्व हो गई थी। पत्नी की मौत के बाद दयाशंकर की भूमिका को लेकर लोगों ने अंगुली उठाई थी। उस समय भी पुलिस ने जांच करने के बजाय मामले को रफा-दफा कर दिया था।