मन का भेद मिटाएं, दीप पर्व दीपावली मनाएं
देवरिया : इस बार हम दीपावली पर पटाखा न जलाने का संकल्प लें। क्योंकि जब तक हम पर्यावरण को संरक्षित
देवरिया :
इस बार हम दीपावली पर पटाखा न जलाने का संकल्प लें। क्योंकि जब तक हम पर्यावरण को संरक्षित नहीं करेंगे हम खुद सुरक्षित नहीं सकते। पर्यावरण प्रदूषण मुक्त रहेगा तो हमारी आने वाली पीढ़ी भी तमाम तरह की बीमारियों से बची रहेगी।
-सरदार अवतार सिंह
व्यापारी
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जो पैसा हम पटाखा जलाने में खर्च करते हैं उसे हम यदि किसी भूखे को खाना खिलाएं तो उससे पुण्य का काम कोई नहीं हो सकता। इस बार मैं दीपावली में यह संकल्प लेता हूं कि न तो स्वयं पटाखा जलाऊंगा न बच्चों को जलाने दूंगा। जो पैसा बचेगा उससे भूखों को रोटी खिलाऊंगा।
-सुधीर सिंह
प्रधानाचार्य
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दीपावली समाज से बुराईयों को मिटाने का पर्व है। हम क्यों न इस दिन किसी के अंधेरे जीवन में रोशनी फैलाने का कार्य करें न कि किसी के जीवन में अंधेरा करे। आज बाजार में तमाम तरह के तेज आवाज वाले पटाखें आ गए हैं। जिनका प्रयोग न सिर्फ पर्यावरण के लिए खतरनाक है बल्कि यदि हममें से कोई इसकी चपेट में आ गया तो वह अपनी आंखों की रोशनी खो देगा या फिर किसी दूसरे की आवाज सुनने के लायक नहीं रहेगा। हमें संकल्प लेते हैं कि समाज के लोगों को इसके लिए जागरूक करेंगे।
-डा.जितेंद्र प्रताप राव
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दीपावली आपसी भेदभाव मिटाकर एक दूसरे का घर रोशन करने का पर्व है। यदि इसी सोच के साथ हमें इस पर्व को मनाएं तो निश्चित तौर पर हम न सिर्फ समाज बल्कि देश का भी उत्थान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इस बार दीपावली हम इसी संकल्प के साथ मनाएंगे। साथ ही पर्यावरण को बचाने के लिए पटाखे न जलाने का भी संकल्प लेते हैं।
-कल्याण कुमार
व्यापारी
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