यहां तो चिराग तले अंधेरा
देवरिया:
परिषदीय स्कूलों में विद्युतीकरण बच्चों के लिए सपना बनता जा रहा है। वायरिंग के बाद भी कई स्कूलों में न तो अभी तक बिजली आई और न ही इसको लेकर विभाग द्वारा कोई सार्थक प्रयास ही किए गए। यह हाल तब है जबकि सरकार परिषदीय स्कूलों को विद्युतीकरण से जोड़ने के लिए गत वर्षो में कई बार बजट दे चुकी है। कई स्कूल ऐसे हैं, जहां बिजली कनेक्शन तो है, लेकिन वायरिंग के तार और स्वीच बोर्ड खुले होने से यहां पढ़ने वाले मासूम हमेशा खतरे में रहते हैं।
रुद्रपुर तहसील के प्राथमिक विद्यालय कोरवां में विद्युतीकरण के नाम पर वायरिंग की गई, पंखे भी लटके फिर भी आज तक बिजली के दर्शन नहीं हुए। नौनिहालों को मलाल है कि उन्हें न तो रोशनी मिली न हवा ही नसीब हुई। कुछ यही हाल भभौली स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय का भी है, जहां वायरिंग के लिए खींची गई लाइन तो मौजूद है पर न कहीं बोर्ड दिख रहा न स्विच।
पूर्व माध्यमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका राबड़ी देवी ने बताया कि विभाग को इस बारे में कई बार अवगत कराया जा चुका है। बावजूद इसके अभी तक समस्या जस की तस है।
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क्या कहते हैं विद्यालय के बच्चे
देवरिया: वर्षो से स्कूलों में बिजली का सपना देख रहे छात्र ज्योति, सत्यम, सुनील, सतीश का कहना है कि बिना बिजली के पढ़ाई करना हमारी मजबूरी बन गई है। हर बार आश्वासन मिलता है कि जल्द ही स्कूल में बिजली आ जाएगी, लेकिन आज तक यह पूरा नहीं हुआ।
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''वायरिंग के बाद भी स्कूलों में यदि बिजली नहीं है तो यह गंभीर मामला है। ऐसे स्कूलों को चिह्नित कर वहां कनेक्शन कराने का प्रयास किया जाएगा। जिन स्कूलों में बिजली है तथा वहां वायरिंग के तार और स्वीच बोर्ड खुले हैं उन्हें दुरुस्त कराया जाएगा, ताकि कोई अप्रिय घटना न घट सके।''
-आलोक कुमार यादव
खंड शिक्षाधिकारी
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