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डायरिया का कहर, दो की मौत

By Edited By: Published: Sun, 14 Sep 2014 09:19 PM (IST)Updated: Sun, 14 Sep 2014 09:19 PM (IST)
डायरिया का कहर, दो की मौत

देवरिया : तरकुलवा विकास खंड क्षेत्र के ग्राम परासखांड में डायरिया के प्रकोप से एक ही परिवार की दो सगी बहनों की मौत शनिवार देर रात हो गई, जबकि एक महिला का इलाज मेडिकल कालेज गोरखपुर में चल रहा है। घटना की सूचना पाकर रविवार को सुबह डिप्टी सीएमओ एके चौधरी मय स्वास्थ्य टीम के साथ गांव में पहुंच गए। पीड़ित परिवारों के घरों में जाकर जानकारी प्राप्त की। हालांकि डायरिया का कहर अभी थमने का नाम नहीं ले रहा। ग्रामीणों ने इसके लिए जल निगम व सफाई कर्मियों को भी जिम्मेदार ठहराया है। सबसे गंभीर बात तो यह है कि दो बालिकाओं की मौत के बाद भी कोई उच्चाधिकारी गांव का अब तक दौरा नहीं किया। अगर प्रशासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया तो और भी जाने जा सकती हैं।

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बीते एक सप्ताह से गांव के दो दर्जन से अधिक मरीज डायरिया के चपेट में आ गए हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा क्लोरीन सहित अन्य एंटी दवाएं दी जा रही हैं, लेकिन सुधारात्मक परिणाम नहीं मिल रहे हैं। शनिवार को देर रात गांव के उमा शर्मा की आठ वर्षीया पुत्री खुशबू व तेरह वर्षीया गुडि़या की मौत हो गई। इस खबर से पूरे गांव में कोहराम मच गया। ग्रामीणों ने दहशत में गांव छेड़ने का मन बना लिया है। डिप्टी सीएमओ एक चौधरी ने दूषित जल तथा हैंडपंपों के अगल-बगल गंदगी होना भी बीमारी का विशेष कारण बताया।

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गांव में डायरिया से पीड़ित मरीजों में राधिका, चंद्रावती, सुशीला, राजीव, उमेश, मीना, गनेश, सोनमती, दुर्गावती, शांती, बिट्टू, रिधी, राजन, विक्की, तूफानी, मनोज शर्मा, लक्की, सोनू, पूजा गंभीर रूप से चपेट में हैं।

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने ओपी सिंह, अख्तर अब्बास, राजन, दुर्गा प्रसाद शुक्ल, हेमंत कुमार पांडेय, नवीन शाह ने ग्रामीणों को दवाइयां वितरित की तथा बचाव के उपाय भी बताए।

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जलनिगम व सफाई कर्मियों के खिलाफ ग्रामीणों में आक्रोश

तरकुलवा/देवरिया : डायरिया से दो मौतों के बाद ग्रामीणों ने जल निगम विभाग व सफाई कर्मियों के विरुद्ध आक्रोशित हो गए। उनका कहना है कि सफाईकर्मी रामनरेश कभी झाड़ू नहीं लगाता वहीं महिला सफाई कर्मी मात्र स्कूल की सफाई कर के चली जाती है। जलनिगम विभाग भी लगाए गए हैंडपंपों की मरम्मत व देखभाल नहीं करता। दूषित जल देने वाले हैंडपंपों को चिन्हित भी नहीं किया गया है। गांव में 40 हैंडपंप लगाए गए हैं, जो दूषित जल दे रहे हैं। गांव के भभूति यादव, अनिल, विजय प्रताप, वीरेंद्र यादव, अनिल यादव, बृजमोहन शर्मा, अरविंद श्रीवास्तव, राजू मद्धेशिया, अमित, फिरोज, ठगर्ठ, नंदकिशोर, जगदीश शर्मा आदि ने विभाग से हैंडपंपों को ठीक कराने व पंचायत विभाग से सफाई कर्मियों की नकेल कसने की बात कही। वहीं ग्राम प्रधान प्रतिनिधि रामधनी प्रसाद ने पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता दी, जबकि भभूति यादव द्वारा गांव में फिल्टर पानी वितरित कराया जा रहा है।

उधर प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के उपाध्यक्ष रविप्रकाश यादव ने डायरिया से मौत के पीछे चिकित्सा विभाग की लापरवाही व एम्बुलेंस चालक को दोषी ठहराया है। उन्होंने बताया कि एम्बुलेंस चालक ने मरीजों को जिला अस्पताल ले जाने के बजाए धन न मिलने पर कंचनपुर में छोड़ दिया जिससे रास्ते में बच्चियों की मौत हो गई।


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