बाहर की दवा लिखने पर बिफरे प्रमुख सचिव, फटकार
देवरिया :
बुधवार को प्रमुख सचिव हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग जितेन्द्र कुमार ने जिला अस्पताल का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने बाहर की दवा लिखे जाने पर डाक्टर को फटकार लगाई वहीं इंसेफ्लाइटिस मरीजों को बेहतर इलाज का निर्देश दिया। महिला अस्पताल के निरीक्षण में अल्ट्रासाउंड मशीन खराब होने पर प्रभारी सीएमओ को पुरुष अस्पताल से दो में से एक मशीन महिला अस्पताल में शिफ्ट कराने का निर्देश दिया।
प्रमुख सचिव सुबह आठ बजे जिला अस्पताल पहुंचे और नवनिर्मित जेई/एईएस वार्ड का निरीक्षण किया। वे बालरोग वार्ड पहुंचे, जहां एक बेड पर दो मरीज रखने का कारण पूछा। बालरोग विशेषज्ञ डा.आरके श्रीवास्तव ने बताया कि मरीज देर रात भर्ती किया गया था। कोई बेड खाली नहीं था। मजबूरी में एक बेड पर दो मरीजों को रखना पड़ा। उन्होंने तीमारदारों से अस्पताल से मिलने वाली सुविधाओं व दवाओं की उपलब्धता की जानकारी ली।
उन्होंने पैथालाजी, रेडियोलाजी विभाग, पर्ची काउंटर तथा केंद्रीय औषधि भंडार का जायजा लिया। जिला अस्पताल का निरीक्षण कर बाहर निकलते समय मरीज आरती देवी ने पर्ची दिखाते हुए बाहर की दवा लिखे जाने की शिकायत की, जिसके बाद वे सीधे सीएमएस कक्ष पहुंचे और संबंधित चिकित्सक डा.एनके पांडेय को तलब किया। डा.पांडेय ने बताया कि पर्ची मैंने नहीं बल्कि कम्पाउंडर ने लिखी। उन्होंने नाराजगी जताते हुए महिला द्वारा बाहर से खरीदी गई दवा का 370 रुपये वापस करने का निर्देश दिया। भविष्य में इस तरह की शिकायत न मिलने की हिदायत दी।
लगभग 55 मिनट तक पुरुष अस्पताल के निरीक्षण के बाद सुबह 8.55 बजे प्रमुख सचिव महिला अस्पताल स्थित सर्जिकल वार्ड पहुंचे और वहां भर्ती मरीजों से अस्पताल से मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी ली। इसके बाद वे अस्पताल के अल्ट्रासाउंड सेंटर पहुंचे, जहां उन्हें बताया गया कि पिछले दस दिनों से मशीन खराब होने के कारण मरीजों का अल्ट्रासाउंड नहीं हो रहा है। उन्होंने सीएमएस डा.माला सिन्हा से पूछा कि शासन को इसकी जानकारी दी गई है या नहीं। सीएमएस ने उन्हें शासन को भेजे पत्र की प्रति दिखाई। प्रमुख सचिव ने इसे गंभीरता से लेते हुए मरीज हित में मौके पर मौजूद प्रभारी सीएमओ डा.एसएन सिंह को पुरुष अस्पताल में उपलब्ध दो अल्ट्रासाउंड मशीनों में से एक मशीन महिला अस्पताल में शिफ्ट कराने का निर्देश दिया।
अस्पताल की चिकित्सक डा.श्वेता रत्नाकर के पिछले दो साल से अस्पताल न आने तथा डा.अल्पना रानी गुप्ता द्वारा परिसर में ही प्राइवेट प्रैक्टिस करने की शिकायत मिलने पर उन्होंने सीएमएस से पूछताछ की तथा ओपीडी में जाकर डा.गुप्ता का ओपीडी रजिस्टर देखा। उन्होंने प्राइवेट प्रैक्टिस की शिकायत के बारे में जब पूछा तो डा.गुप्ता ने प्राइवेट प्रैक्टिस न करने की बात कही। सीएमओ को डा.श्वेता रत्नाकर के न आने के संबंध में शासन को पत्र लिखने का निर्देश दिया। महिला अस्पताल में 20 मिनट के निरीक्षण के दौरान प्रमुख सचिव ने औषधि वितरण कक्ष का भी जायजा लिया।
निरीक्षण के दौरान प्रमुख सचिव के साथ सीएमएस डा.यूडी त्रिपाठी, एसपी डा.एस. चन्नपा, एसडीएम सदर गिरिजेश चौधरी, डीएसटीओ एनके सिंह तथा जिला कार्यक्रम अधिकारी पीके सिंह आदि मौजूद रहे।
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इंसेफेलाइटिस के लिए जागरुकता
देवरिया : प्रमुख सचिव जितेंद्र कुमार ने निरीक्षण के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि यह जनपद इंसेफेलाइटिस को लेकर काफी संवेदनशील है। इंसेफेलाइटिस वार्ड के निरीक्षण के दौरान यह बात सामने आई है कि अस्पताल में जो भी मरीज आए हैं, वह कम गहराई वाले हैंडपंप का पानी से पीड़ित हुए हैं। इस बीमारी से बचाव के लिए जागरूकता जरूरी है।
उन्होंने कहा कि मैंने ड्रग स्टोर का भी निरीक्षण किया वहां सभी जीवन रक्षक दवाएं उपलब्ध हैं। पैथालाजी में पैथालाजिस्ट नहीं है, जिसकी तैनाती की जरूरत है। रेडियोलाजी विभाग को और अपग्रेड करने की जरूरत है।