कागज में पूरा, धरातल पर अधूरा
देवरिया : जिले में निर्मल भारत अभियान का बुरा हाल है। शौचालयों का निर्माण धरातल पर कम कागज में अधिक हो रहा है। शासन ने जो लक्ष्य निर्धारित किया। उसमें से महज पचास फीसद भी शौचालयों का निर्माण नहीं हो सका है, जिससे यह अभियान पूरी तरह से फ्लाप नजर आ रहा है।
पिछले तीन साल के आंकड़े पर नजर डाले तो शौचालय निर्माण का कुल 57017 लक्ष्य निर्धारित किया था, लेकिन कार्यदायी संस्थाओं की लापरवाही व मनरेगा की पेंच से पचास फीसदी भी शौचालयों का निर्माण पूर्ण नहीं हो सका। आलम यह है कि लोहिया गांव और लोहिया आवास के लाभार्थियों तक के शौचालय नहीं बन पाए हैं। शौचालय निर्माण में निर्मल भारत अभियान का 4600, मनरेगा का 4500 तथा लाभार्थी अंश 900 रुपये निर्धारित किया गया है।
बानगी के तौर पर हम बात कर रहे हैं सदर विकास खंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत सरौरा धुमनगर की। यहां पर वर्ष 2012-13 में कुल 17 लोहिया आवास आवंटित किए गए थे, जिसमें सभी पूर्ण हो चुके हैं। इन आवासों में दो साल बाद भी शौचालयों का निर्माण नहीं हो सका है। लाभार्थी शौचालय के लिए भटक रहे हैं।
बता दें कि विभाग वर्ष 2012-13 व 2013-14 के चयनित 63 लोहिया गावों में 11258 शौचालयों का निर्माण होना था, लेकिन अभी तक बमुश्किल से पचास फीसद भी शौचालयों का निर्माण नहीं हो पाया है। उधर लोहिया आवास के लाभार्थी इस आस में बैठे हैं कि शौचालय का पैसा मिलने पर निर्माण कराएंगे।
तीन साल में कितने का लक्ष्य
वर्ष संख्या लोहिया
2012-13 5998 5195
2013-14 24324 6063
2014-15 26695 3203
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योग 57017 11258
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''निर्मल भारत अभियान के तहत वर्ष 2012-13 के लोहिया गांवों में शौचालयों का निर्माण पूर्ण हो गया है। वर्ष 2013-14 के शौचालयों का निर्माण कार्य चल रहा है। उनकों भी शीघ्र पूर्ण करा लिया जाएगा। निर्माण कार्य में जो भी ग्राम पंचायतें लापरवाही बरत रही हैं। उस गांव में प्रधान और सचिव के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।''
-रमाशंकर सिंह
जिला पंचायत राज अधिकारी