भदिला दोयम में पसरा है मातम
देवरिया: शाम पांच बजे का समय संदीप सिंह के ग्राम भदिला द्वितीय स्थित मकान पर शव के इंतजार में सैकड़ों लोग जमा हैं। सभी की आंखें नम हैं और चेहरे पर लाडले को खोने का गम। लगभग छह बजे पुलिस की मौजूदगी में संदीप सिंह का शव उतरता है। दरवाजे पर रखते ही परिजन शव से लिपट कर रोने लगते हैं। परिजनों की चीत्कार से मौजूद भीड़ का कलेजा दहल गया।
संदीप की मौत से गांव में मातम का माहौल है। हर चेहरे पर उसके न होने का गम है। वह था ही ऐसा। दो भाइयों में छोटा संदीप व्यवहार कुशल व मृदुभाषी था। पिता विरेन्द्र सिंह की दस वर्ष पूर्व मौत हो गई। घर की माली हालत सुधारने के लिए बड़ा भाई प्रदीप विदेश कमाने चला गया। संदीप पर परिवार के भरण-पोषण की जिम्मेदारी थी।
मां पार्वती का सहारा भी था। हंसी खुशी परिवार की गाड़ी चल रही थी, लेकिन परिवार की खुशियों को नीयती का ग्रहण लग गया। संदीप वाराणसी गया था और उसका शव गुरुवार को सुबह सलेमपुर रेलवे स्टेशन पर मिला। संदीप की मौत के बाद परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल था। मां पार्वती दहाड़े मार कर रो रही थी। भतीजे पिंटू व छोटू मां रुबी की गोद में बैठ सिसक रहे थे।