परामर्श केंद्र बना रेलवे अस्पताल
देवरिया : रेलवे कर्मचारियों व उनके तीमारदारों के लिए रेलवे स्टेशन परिसर में स्थापित रेलवे अस्पताल महज परामर्श केंद्र बनकर रह गया। यहां गंभीर बीमारियों से पीड़ित रेल कर्मियों व यात्रियों का इलाज संभव नही है। इसके लिए गोरखपुर, बनारस सहित अन्य स्थानों पर जहां रेल अस्पताल हैं, रेफर कर दिया जाता है।
अहिल्यापुर आउटर से कुसुमी जंगल तक प्रभाव रखने वाले इस अस्पताल के खुलने और बंद होने का समय ऐसा है कि अस्पताल के निर्धारित समय पर पहुंचना मुश्किल हो जाता है। खास बात है कि यहां न ही कोई गंभीर बीमारी की जांच के उपकरण हैं न ही एंबुलेंस आदि की व्यवस्था। मरीज भर्ती कराने तक की व्यवस्था नदारद है। सूत्र बताते हैं कि माडल स्टेशन का यह अस्पताल रेलकर्मियों के क्वार्टर रूम में चल रहा है। बदहाली के दौर से गुजर रहे इस अस्पताल में एक चिकित्सक व एक फार्मासिस्ट की तैनाती है।
हालांकि जिस समय माडल स्टेशन बनाया जा रहा था। उस समय चर्चा थी कि रेलवे अस्पताल के लिए अलग से भवन का निर्माण कराया जाएगा। यह व्यवस्था चर्चाओं व कागजों तक ही सिमट कर रह गई। मौजूदा अस्पताल की हालत यह है कि ट्रेनों से स्टेशन पर उतारे जाने वाले जहरखुरानी के शिकार यात्री इलाज के लिए जिला अस्पताल भेजे जाते हैं। इस अस्पताल में इलाज संभव नही होता है। गंभीर बीमारियों के लिए मरीजों को परामर्श दे दिया जाता है कि अमुक अस्पताल में इलाज कराएं।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर