'बेटी आत्मनिर्भर तो नहीं होगी शादी की ¨चता'
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : ग्रामोदय मेला के पहले सेमिनार में केंद्रीय जल एवं संसाधन मंत्री उमा भारत
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : ग्रामोदय मेला के पहले सेमिनार में केंद्रीय जल एवं संसाधन मंत्री उमा भारती ने भी भाग लिया। उन्होंने कहा कि नानाजी देशमुख जब जीवित थे, तब एक आत्मा थे अब वे सर्वव्यापी हो गए हैं। मैं नानाजी की बहुत लाड़ली थी। वे मुझमें हमेशा जीवित रहेंगे।
Þसमग्र ग्रामीण विकास की चुनौतियां एवं समाधान'विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार में केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ का संदेश देते हुए कहा कि जितना खर्च आप बेटी की शादी में करते हैं, उतना खर्च आप बेटी की पढ़ाई में कर दीजिए। आपको शादी में ज्यादा खर्चा नहीं करना पड़ेगा। बेटी खुद आत्मनिर्भर हो जाएगी। वहीं आजीवन स्वास्थ्य की परिकल्पना विषय पर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए अच्छा खाना जरूरी है। इससे तन और मन दोनों अच्छे रहते हैं। डा. एनएन मेहरोत्रा ने आजीवन स्वास्थ्य में आयुर्वेद विषय पर अपने विचार व्यक्त किए। वहीं डा. पीसी शर्मा एवं डा. आरएस शर्मा ने आयुर्वेद उपचार की लोकप्रियता और महत्व पर प्रकाश डाला। आयुर्वेद महाविद्यालय रीवा के प्राचार्य डा. दीपक कुलश्रेष्ठ ने स्थानीय जड़ी-बूटियों एवं परंपरागत चिकित्सा के माध्यम से उपचार पर जोर दिया।
चित्रकूट प्रोजेक्ट यूके के चेयरमैन डा. नरेश शर्मा ने कहा कि विश्व में सर्वाधिक मुंह के कैंसर पीड़ित भारत में हैं। इस जानलेवा रोग को रोकने के लिए उपचार के साथ-साथ जागरूकता भी जरूरी है। चिकित्सा अधिकारी डा. आर पांडेय ने जन स्वास्थ्य परियोजनाएं एवं संयुक्त संचालक जेएन काण्डपाल ने कुपोषण विषय पर जानकारी दी। सेमिनार के दूसरे सत्र में दीनदयाल उपाध्याय ट्रस्ट के उपाध्यक्ष डा. बीके जैन ने युवाओं को रक्तदान एवं नेत्रदान के प्रति जागरूक किया। नेत्र रोग विषेशज्ञ डा. जैन ने सभागार में मौजूद लोगों को नेत्र संबंधी रोगों की जानकारी दी। उसके निदान के बारे में बताया। साथ ही जीवित रहते रक्तदान एवं मृत्यु उपरांत नेत्रदान करने की अपील भी की। इस मौके पर माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के प्रो. वीके कुठियाला, ग्रामोदय विवि के कुलपति प्रो. नरेश चन्द्र गौतम, विकलांग विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश चन्द्र दुबे व रानी दुर्गावती विवि जबलपुर के कुलपति प्रो. कपिल देव मिश्र ने अपने विचार व्यक्त किए।