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ग्रामोदय मेले में ग्रामीण भारत के दर्शन

जागरण संवाददाता, चित्रकूट : ग्रामीण भारत का दर्शन कराने वाला Þग्रामोदय मेला' प्रभु श्रीराम की तपोभूम

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Feb 2017 07:29 PM (IST)Updated: Fri, 24 Feb 2017 07:29 PM (IST)
ग्रामोदय मेले में ग्रामीण भारत के दर्शन
ग्रामोदय मेले में ग्रामीण भारत के दर्शन

जागरण संवाददाता, चित्रकूट : ग्रामीण भारत का दर्शन कराने वाला Þग्रामोदय मेला' प्रभु श्रीराम की तपोभूमि में देश के विभिन्न प्रदेश की लोक सांस्कृतिक संगम के बीच शुरू हुआ। ग्रामोदय मेला के माध्यम से केंद्र सरकार पं. दीनदयाल उपाध्याय व राष्ट्रऋषि नानाजी देशमुख का जन्मशताब्दी वर्ष मना रहा है। मेला में केंद्रीय 80 मंत्रालय की प्रदर्शनी से मोदी सरकार की उपलब्धियों को परोसने का काम किया गया है।

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धर्मनगरी में दीनदयाल शोध संस्थान के उद्यमिता विद्यापीठ के 15 एकड़ में लगे चार दिवसीय ग्रामोदय मेले का शुभारंभ बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविद ने किया। उन्होंने कहा कि एकात्म मानववाद के प्रणेता पं. दीनदयाल के ¨चतन में हमेशा ही ग्रामों का उत्थान रहा है। चित्रकूट की भूमि पर नानाजी देशमुख ने दीनदयाल के सपने को धरती पर उतारा और क्षेत्र के गांव आज उत्तरोतर विकास के मार्ग पर बढ रहे हैं। राज्यपाल कोविद ने कहा कि भारत गांव में बसता है, हर व्यक्ति के जीवन में एक प्रश्न रहता है कि उसने अपने जीवन में क्या किया। नानाजी ने समाज के लोगों को दीनदयाल जी के ¨चतन को दीनदयाल शोध संस्थान के प्रकल्पों के माध्यम से साकार कर समाज को एक दिशा दी। एक व्यक्ति अपने जीवन में क्या नहीं कर सकता, अपने जीते जी नानाजी ने अपना शरीर भी मृत्यु के बाद दधीचि देह दान संस्थान को देने का संकल्प ले लिया। उन्होंने कहा व्यक्ति एवं समाज एक दूसरे के पूरक हैं यह एकात्म मानववाद के ¨चतक पं. दीनदयाल उपाध्याय के विचार थे जिसे नानाजी ने साकार रुप दिया। भारतमाता से यदि माता शब्द हटा दिया जाये तो भारत केवल एक भूखण्ड मात्र रह जायेगा। दीनदयाल शोध संस्थान पंडित जी के सपनों का भारत तैयार कर रहा है संस्थान की समाज शिल्पी दंपति योजना आदि अनेक अनुकरणीय प्रयासों से भारत सरकार भी अपनी योजनाओं में मार्गदर्शन ले रही है।

केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री थावरचन्द्र गहलोत ने कहा पं. दीनदयाल उपाध्याय ने एकात्म मानववाद रुपी एक ¨चतन समाज को दिया नानाजी ने वसुधैव कुटुम्बकम की अपनी वृत्ति के आधार पर साकार किया। केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री सुदर्शन भगत ने कहाकि नानाजी कहा करते थे केवल राजनीति से संन्यास लेकर एक अनुकरणीय माडल दीनदयाल शोध संस्थान प्रस्तुत किया। उद्घाटन सत्र को सांसद प्रभात झा ने भी संबोधित किया। संचालन दीनदयाल शोध संस्थान के प्रधान सचिव अतुल जैन ने किया। इसके पूर्व ग्रामोदय मेले का शुभारम्भ देवार्चन दीप प्रज्जवलन पुष्पार्चन वेदमंत्रों शंखध्वनि के बाद सभी उपस्थित जनों द्वारा सामूहिक राष्ट्रीय गान हुआ। शाम को मेला में केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने बी सिरकत किया। इस मौके पर संघ के वरिष्ठ प्रचारक मदनदास देवी, मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री नारायण कबीरपंथी, सतना सांसद गणेश ¨सह, बांदा-चित्रकूट सांसद भैरोंप्रसाद मिश्रा, सदगुरु सेवा संघ के डा. वीके जैन, पूर्व सांसद आरके ¨सह पटेल, रमेशचंद्र द्विवेदी, माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीके कुठियाला, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कपिलदेव मिश्र, ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरेश चंद्र गौतम, विकलांग विश्वविद्यालय के कुलपति डा. योगेश चंद्र दुबे और डीआरआई के संगठन सचिव अभय महाजन सहित चित्रकूट के सभी संत महंतों की उपस्थिति रही।


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