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तीन दिन बाद भी अंधेरे में है सैकड़ों गांव

By Edited By: Published: Sat, 14 Apr 2012 06:09 PM (IST)Updated: Sun, 15 Apr 2012 12:17 AM (IST)
तीन दिन बाद भी अंधेरे में है सैकड़ों गांव

चित्रकूट, जागरण संवाददाता : आंधी-तूफान का सैलाब गुजरे 72 घंटा गुजर गया है लेकिन बोड़ी पोखरी और गनींवा सब स्टेशन अभी तक चालू न होने से लगभग आधा सैकड़ा गांव अंधेरे में डूबे है। इसके अलावा भी दर्जनों गांव में बिजली नहीं पहुंची, लेकिन उनके फीडर चालू है। इन गांवों में पोल टूटे होने के कारण बिजली सप्लाई चालू नहीं हो पाई है। इन गांव में अभी सप्लाई पहुंच ने में एक सप्ताह से अधिक का समय लगेगा। वैसे सप्लाई जल्द से जल्द दुरुस्त करने के लिए संविदाकर्मी सहित ठेकेदारों की टीम लगाई गई है। जिले में बुधवार को आए आंधी तूफान और पानी ने भारी तबाही मचाई थी। जिससे 72 घंटे बाद भी जनपदवासी उबर नहीं पाए है। इस तूफान में सैकड़ो पेड़, बिजली के खंभे, विद्युत टावर, कच्चे मकान धराशाई हो गए थे और किसानों की खेत व खलिहान में रखी फसल भी उड़ गई थी। तूफान में सबसे अधिक नुकसान विद्युत विभाग का हुआ था उसको लगभग दो करोड़ की चपत लगी थी जिसमें विभाग अभी भी उबर नहीं सका है। तीन दिन बीत गए है लेकिन जिले की विद्युत आपूर्ति पूरी तरह से बहाल नहीं हो पाई है। जबकि विभाग के कर्मचारी रात दिन काम में लगे है। आज भी आलम यह है कि जिले के लगभग दो सैकड़ा गांव अंधेरे में डूबे है। अधिशाषी अभियंता विद्युत कमलेश कुमार ने बताया कि 132 केवी बनकट पावर हाउस से जिले के पंद्रह उप विद्युत केंद्र को बिजली सप्लाई होती है। आंधी और तूफान में फतेहपुर मेन लाइन के दो टावर टूट जाने से पूरे जिले की विद्युत आपूर्ति पूरी तरह ठप हो गई थी।

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उन्होंने बताया कि भारी मशक्कत कर बीस घंटा बाद जिला मुख्यालय की आपूर्ति को सिराथू से बहाल कर लिया गया था लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में टूटे पड़े सैकड़ो ंपोल और तार के कारण विद्युत लाइन चालू करने में समय लग रहा है। शनिवार तक न्यू कलेक्ट्रेट, रानीपुर भंट्ट, भरतकूप, राजापुर, पहाड़ी, सरधुवा, मऊ, मानिकपुर और चिल्लीमल फीडर चालू कर लिए गए है। सिर्फ बोड़ी पोखरी और गनींवा सब स्टेशन बचे है जहां की आपूर्ति चालू नहीं हो सकी है। गनीवां फीड़र में लगभग एक दर्जन खंभे टूटे पड़े है। जिनको बदलने में समय लगेगा। इसी प्रकार बोड़ी पोखरी में दो खंभे टूटे है जिनको बदला जा रहा है। संभावना है कि आज सप्लाई इस फीडर को भी शुरु कर दिया जाएगा।

वैसे विभाग के मुताबिक दो सब स्टेशन को छोड़ कर सभी फीडर को चालू कर दिया गया है लेकिन अभी भी सैकड़ो गांव अंधेरे में है। क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र में कही पोल टूटे पड़े है तो कही पर बिजली की तार टूट गई है। जिसको दुरुस्त करने में एक सप्ताह से कम का समय नहीं लगेगा। गेंहू कताई का समय होने के कारण किसानों को सबसे अधिक दिक्कत हो रही है।

टावर निर्माण का काम शुरू

फतेहपुर से 132 केवी की सप्लाई शुरु होने पर अभी लगभग दो सप्ताह लेगेंगे। परेषण की टीम ने गिरे टावरों को खड़ा करने का काम शुरू कर दिया है। एसडीओ बांदा पीके यादव के नेतृत्व में यह काम हो रहा है। उन्होंने बताया कि टावर बनाने का ठेका हाई थ्रो कंपनी गुडगांव को दिया गया है। टावर खड़ा करने के लिए गढ्डे खोद लिए गए है। संभावना है कि 24 अप्रैल तक टावर खड़ा करके फतेहपुर की विद्युत सप्लाई को बहाल कर दिया जाए। अभी सिराथू से सप्लाई हो रही है।

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