पीएमओ की बेरुखी से विनय ने छोड़ी जीवन की आस
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : धर्मनगरी का चित्रकार विनय साहू प्रधानमंत्री को हर माह खून से पत्र लिखकर
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : धर्मनगरी का चित्रकार विनय साहू प्रधानमंत्री को हर माह खून से पत्र लिखकर जीवन की भीख से मांग रहा है। वैसे सात माह से खून से पत्र लिख-लिख कर विनय अब हार चुका है और उसने पीएमओ की बेरूखी से जीवन की आस भी छोड़ दी है।
बता दें कि चित्रकार विनय साहू एक कालेज में प्राइवेट शिक्षक के रुप में काम करके पेट पाल रहा है। गरीब परिवार में पैदा हुआ यह युवक तंगहाली में तो जीवन काट लेता लेकिन उसका लीवर खराब है और बिना बदले जीवन को बचाना मुश्किल है। ऐसा कई बड़े अस्पताल के डाक्टर कह चुके हैं। लीवर बदलवाना विनय के बस में है नहीं। विनय इलाज में मदद को सरकार की ओर कई साल से आस लगाए है लेकिन अभी तक सरकार की ओर से उसको कोई मदद की आस नहीं जगी है जबकि केंद्र सरकार को वह सैकड़ों पत्र लिख चुका है। वैसे एक बार उसने राष्ट्रपति को इच्छा मृत्यु की मांग का भी पत्र लिखा था। विनय बताते हैं कि केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद उनको उम्मीद बंधी थी कि अब उनका इलाज हो जाएगा। इस आस में सात माह में कई बार खून से लिखे पत्र भी पीएमओ को भेजे। वह पाकिस्तानी युवक के इलाज के बाद काफी दुखी है कहते है कि प्रधानमंत्री को अपने घर के बेटा का दुख दिखाई नहीं देता है और पाकिस्तान पर दरियादिली दिखा रहे हैं।