भ्रष्टाचार मिटाने के अस्त्र आधार कार्ड में लुट रहे लोग
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमाम योजनाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार को मिटा
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमाम योजनाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य किया है लेकिन भ्रष्टाचार को मिटाने का अस्त्र आधार कार्ड ही लूट का साधन बन गया है आज उसको बनवाने और संशोधन कराने में लोगों से मनमानी वसूली जनसेवा केंद्र व त्रिवेणी केंद्रों में हो रही है।
बता दें कि इन दिनों स्कूल कालेज से लेकर सभी सरकारी योजनाओं में आधार कार्ड को अनिवार्य कर दिया गया है जिसको बनवाने के लिए जनसेवा केंद्र सहित अन्य सेंटरों में मारामारी है। ऋणमाफी में भी किसानों से आधार लिया जा रहा है वह भी इन केंद्रों के चक्कर लगा रहे हैं। ऐसे में केंद्र संचालकों की चांदी है और उसका वह फायदा भी उठा रहे हैं जो लोगों से शासन द्वारा निर्धारित फीस से कई गुना अधिक वसूल रहे है। जबकि सरकार की ओर से आधार नामांकन पूर्णतया नि:शुल्क है। संशोधन के लिए जरूर फीस निर्धारित की गई है। फिर भी जनसेवा केंद्र संचालक 50 से 200 रुपए तक संशोधन के नाम पर वसूल रहे हैं जीएसटी में भी आधार की अनिवार्यता है पैन सहित अन्य दस्तावेज में नाम, जन्मतिथि आदि जानकारी एक सी हो। इसलिए संशोधन (बायोमैट्रिक अपडेट - आधार में ई-मेल, जन्मतिथि, पता, मोबाइल नंबर आदि में सुधार व बदलाव) का काम काफी निकल रहा है। जिस कारण से केंद्रों में लूट मची है। इस बात की भनक जिला प्रशासन को भी है।
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण से निर्धारित फीस
> आधार नामांकन - पूर्णतया: नि:शुल्क
> बायोमैट्रिक अपडेट - 25 रुपए
> ई-आधार ¨प्रट आउट (ब्लैक एंड वाइट) - 10
> ई-आधार ¨प्रट आउट (रंगीन) - 20
'आधार कार्ड नामांकन व बायोमैट्रिक अपडेट (संशोधन) में शिकायत मिली थी कि लोगों से अधिक शुल्क वसूली जा रही है जो गलत है उसके लिए मुख्य विकास अधिकारी और अर्थ एवं संख्या अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं कि पूर्व में गठित टीम को औचक निरीक्षण हेतु लगाएं। यदि कोई भी केंद्र संचालक अधिक शुल्क वसूलते मिलता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही करें।'
शिवाकांत द्विवेदी (जिलाधिकारी)