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डिग्री से ज्यादा महत्व कौशल व विशेषज्ञता का

जागरण संवाददाता, चित्रकूट : ग्रामोदय विश्वविद्यालय में 'उच्च शिक्षण संस्थाओं में कौशल शिक्षा का समाव

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Jun 2017 07:59 PM (IST)Updated: Sat, 24 Jun 2017 07:59 PM (IST)
डिग्री से ज्यादा महत्व कौशल व विशेषज्ञता का
डिग्री से ज्यादा महत्व कौशल व विशेषज्ञता का

जागरण संवाददाता, चित्रकूट : ग्रामोदय विश्वविद्यालय में 'उच्च शिक्षण संस्थाओं में कौशल शिक्षा का समावेश' विषय पर संगोष्ठी हुई। अंतरप्रांतीय संगोष्ठी में उत्तर प्रदेश व मध्यप्रदेश के कई जिलों के इण्टर कालेजों के प्राचार्य और ग्रामोदय विश्वविद्यालय के व्यावसायिक शिक्षा विशेषज्ञ सम्मिलित हुये।

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संगोष्ठी का शुभारंभ करते हुए ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरेश चन्द्र गौतम ने कहा कि आज के परिवेश में डिग्री से बड़ा महत्व विद्यार्थी के कौशल और विशेषज्ञता का है। रोजगार दाता संस्थायें डिग्री वालों की अपेक्षा रोजगार देने में उन्हें ज्यादा प्राथमिकता देती हैं जिनके पास डिग्री के साथ- साथ कौशल भी है। केन्द्र और राज्य सरकार ने कौशल विकास के लिये अनेक पाठ्यक्रम और कार्यक्रम प्रारम्भ किये हैं। उन्होंने आह्वान किया कि विद्यार्थियों को परम्परागत पढ़ाई के साथ-साथ रोजागारोन्मुखी शिक्षा की ओर मुड़ना चाहिये। कैरियर डेवलपमेन्ट में इसका विशेष महत्व है। सामुदायिक महाविद्यालय के प्राचार्य इ. राजेश सिन्हा ने कहा कि कौशल शिक्षा ही व्यक्ति को स्थायी रोजगार दिला सकती है। हमारा प्रयास है कि हम बीवोक, एमवोक पाठ्यक्रम के माध्यम से कौशल शिक्षा का अध्ययन कराकर पूरे देश को विशेषज्ञ उपलब्ध कर सकें। ग्रामीण विकास एवं प्रबन्धन संकाय के अधिष्ठाता प्रो. रामचन्द्र ¨सह ने कहा कि देश के विकास के लिये आवश्यक है कि युवक-युवतियां कौशल शिक्षा को अपनाएं और दूसरों को भी प्रेरित करें। कौशल शिक्षा ही कुशल शिक्षा है। केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार भी कौशल शिक्षा मिशन के माध्यम से इस दिशा में गंभीरता से प्रयास कर रही हैं। आवश्यकता केवल इसके महत्व को समझने की है। यह ऐसा माध्यम है जिससे आप स्वयं चुन सकते हैं कि आपको नौकर बनना है या नौकरों का मालिक। अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संकाय के अधिष्ठाता डा. आंजनेय पाण्डेय ने कौशल शिक्षा एवं परम्परागत शिक्षा की तुलना करते हुये बताया कि आज के परिवेश में कौशल शिक्षा का विशेष महत्व है। इसके अलावा अधिष्ठाता छात्र कल्याण डा. शशिकान्त त्रिपाठी, राही इण्टर कालेज कर्वी के प्रधानाचार्य जयराम राही, शिक्षक नेता जगमोहन ¨सह, ग्रामोदय विश्वविद्यालय के प्राध्यापक डा. कुसुम ¨सह व डा. सीपी गूजर ने भी अपने विचार व्यक्त किये।


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