डकैत गोप्पा के चंगुल से छूटे अपहृत
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : एक लाख के इनामी डकैत रामगोपाल यादव उर्फ गोप्पा के चंगुल से दोनों अपहृत स
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : एक लाख के इनामी डकैत रामगोपाल यादव उर्फ गोप्पा के चंगुल से दोनों अपहृत सकुशल छूटकर आ गए हैं। पुलिस का कहना है कि दबाव में डकैतों ने अपहृतों को छोड़ दिया है हालांकि लोगों में चर्चा यह भी है कि ठेकेदार ने फिरौती देकर अपने रिश्तेदार दोनों कर्मियों को छुड़ाया है। वैसे अपहृतों के छूटकर आने से परिवार में खुशी है। घरों में मिलने वालों का तांता लगा है।
बता दें कि मुख्यालय के पटेल तिराहा निवासी फूलचंद्र पटेल की बो¨रग मशीन 19 जून को कर्का पड़रिया गांव में राजेश यादव के खेत पर बोर करने गई थी। उसी रात डकैत गोप्पा अपने साथियों के साथ वहां पहुंचा था और मशीन के मुनीम संदीप ¨सह पुत्र चंद्रशेखर ¨सह निवासी गदाखान को अगवा कर ले गए थे और ठेकेदार को को बुलाया था लेकिन जब वह नहीं मिला तो दूसरे दिन डकैत सुबह मिथलेश कुमार ¨सह पुत्र साधौ प्रसाद निवासी जरिहा (पहाड़ी) को भी उठा ले गए। पहले दिन तो ठेकेदार ने पुलिस को सूचना नहीं दी जब मिथलेश को भी डकैत ले गए तो ठेकेदार ने 20 जून की शाम को एसपी से मिल कर घटना के बारे में बताया। पुलिस अधीक्षक प्रताप गोपेंद्र ने बताया कि ठेकेदार के चचेरे भाई मिथलेश पुत्र साधू प्रसाद (35) व फुफेरा बाई संदीप पुत्र चन्द्रशेखर (28) को डकैतों के चंगुल से सकुशल मुक्त कराया गया। डकैत गोप्पा उर्फ भोले ठेकेदार फूलचन्द्र ¨सह से पुरानी रंजिश मानता है। ठेकेदार पहले अपने सहयोगियों के स्तर से अपहृतों का तलाश करता रहा किन्तु जब अपह्रत नही मिले तो 21 जून थाना बहिलपुरवा में लिखित सूचना दी। जिसके तहत डकैत रामगोपाल उर्फ गोप्पा उर्फ भोले, महेन्द्र पासी और रजोला सहित 03-04 अन्य अज्ञात डकैतों के खिलाफ मामला पंजीकृत किया गया।
एसपी ने बताया कि पुलिस टीमों ने अगवा किए गए युवकों की तलाश शुरु की तो 21 जून को शाम करीब साढ़े छह बजे मुठभेड हुई जिसमें दोनों तरफ से कई राउण्ड गोली बारी की गयी। मुठभेड के दौरान तूफान, भारी बारिश के प्रारम्भ हो जाने से दस्यु गैंग भागने में सफल हो गया था। उन्होंने बताया कि गैंग का लोकेशन घटना स्थल से करीब 10-15 किमी दूर झीलन जंगल में मिलने लगा। गैंग की तलाश के प्रयास जारी रखे गये। फिर गैंग गडचपा के जंगलों में पहुंच गया। लगातार पुलिस उनका पीछा करती रही जिसके परिणाम स्वरूप डकैतों ने अपहृतों को छोड़ दिया।