अंतिम जुमा पर अकीदतमंदों ने मांगी अमन-चैन की दुआ
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : रमजान माह के अंतिम जुमा पर हजारों अकीदतमंदों ने मस्जिदों में नमाज अता की
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : रमजान माह के अंतिम जुमा पर हजारों अकीदतमंदों ने मस्जिदों में नमाज अता की। इस दौरान मुल्क की सलामती, अमन चैन के लिए दुआएं मांगी गई।
शुक्रवार को मुख्यालय के पुरानी बाजार, उटार खाना व तरौंहा समेत विभिन्न क्षेत्रों में मस्जिदों में नमाज अता की गई। रोजेदारों ने हजारों की संख्या में यहां पहुंचकर मुल्क की तरक्की के लिए हाथ उठाकर दुआयें मांगी। इस दौरान जामा मस्जिद के मौलाना मकसूद ने बताया कि रमजान के पाक महीने में कुरआन की आयतों को पढ़ने वालों को 70 गुना ज्यादा सवाब मिलता है। इस्लाम धर्म के पांच अरकान है। जिसमें पहला नमाज, दूसरा रोजा, तीसरा हज, चौथा जकात और पांचवां तौहीदों रिसालत है। माहे रमजान में 30 दिन रोजा रखना हर मुसलमान मर्द, औरत का फर्ज है। रोजा रखने वाले हर शख्स को सुबह सूरज निकलने से पहले नमाजे फजल से पहले शहरी करना चाहिए। जिसमें हल्का खाना, दूध, खीर, सेवई आदि खाना चाहिए। शाम को मगरीब की नमाज से पहले अजान दरमियान रोजा खोलना फर्ज है।
उन्होंने बताया कि रोजे के मायने केवल भूखा रहना नही, बल्कि रोजा वह है, जिसमें रोजेदार सुबह शहरी करके कुरआन शरीफ की तिलावत करें। इसके बाद सुबह की फजल की नमाज अदा करके अपने काम धंधे में पूरी ईमानदारी से लग जाए।