चित्रकूट को मिली मोदी सरकार की गुरु दक्षिणा
हेमराज कश्यप/जागरण संवाददाता, चित्रकूट : नानाजी की पाठशाला (दीनदयाल शोध संस्थान) से ग्राम विकास का प
हेमराज कश्यप/जागरण संवाददाता, चित्रकूट : नानाजी की पाठशाला (दीनदयाल शोध संस्थान) से ग्राम विकास का पाठ पढ़ रही मोदी सरकार ने आखिर राष्ट्रीय पंचायत दिवस में गुरु को दक्षिणा दे ही दी। जब केंद्र सरकार ने नानाजी देशमुख के नाम पर राष्ट्रीय गौरव ग्राम सभा पुरस्कार शुरू किया है। इस पुरस्कार की शुरुआत सिद्ध करती है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भगवान श्रीराम की तपोभूमि में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के 'एकात्म मानववाद दर्शन' के ¨सद्धातों पर ग्रामोत्थान की पटकथा लिख रहे दीनदयाल शोध संस्थान के करीब पांच सौ गांव से कितने प्रभावित हैं।
बता दें कि दैनिक जागरण ने 28 मार्च के अंक में 'मोदी सरकार की पाठशाला बनी डीआरआई' शीर्षक से खबर प्रकाशित कर बताया था कि नानाजी ने चित्रकूट परिक्षेत्र के पांच सौ गांव में जो ग्रामोदय किया है वह केंद्र की मोदी सरकार की पाठशाला बनी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी गुजरात के मुख्यमंत्री रहते यहां आए थे और डीआरआई में प्रवास कर नानाजी के स्वावलंबन ग्रामों को देखा था। वे नानाजी के समग्र ग्रामों से काफी प्रभावित थे प्रधानमंत्री बनने के बाद सबसे पहले 'सांसद ग्राम आदर्श योजना' लागू की थी। नानाजी के समग्र ग्राम व मोदी जी के आदर्श ग्राम में एक समानता है। बताते हैं कि समग्र ग्रामों में अल्प बचत योजना नानाजी ने शुरु की थी जिसके तहत सभी परिवारों के खाते खुलवाए थे उसी तरह केंद्र सरकार की जनधन योजना है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र ¨सह तोमर ने भी दीनदयाल शोध संस्थान में रहकर गांवों को स्वावलम्बी बनाने के पांच सूत्र कोई बेकार न रहे, कोई गरीब न रहे, कोई बीमार न रहे, कोई अशिक्षित न रहे, हरा-भरा और विवादमुक्त गांव हो को आत्मसात किया था। केंद्रीय उद्योग मंत्री गिरिराज ¨सह तो कई बार डीआरआई आए और यहां पर स्वावलंबी बनाने के प्रशिक्षणों और लघु उद्योगों को देखा। जो जनता की पहल व पुरुषार्थ से रोजगार का साधन बने हैं। डीआरआई में मोदी सरकार के ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल, कृषि राज्यमंत्री मोहनभाई कुंदनिया, जल संसाधन मंत्री उमा भारती, केंद्रीय राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति, फग्गन ¨सह कुलस्ते, थावरचंद्र गहलौत, डा. महेश शर्मा और सुदर्शन भगत आदि ने ग्राम्य विकास का पाठ पढ़ चुके हैं। दीनदयाल शोध संस्थान व उनके प्रयासों से बनाए गए समग्र ग्राम में जैसा ग्राम्य विकास है वैसा ही विकास केन्द्र सरकार देश की सभी ग्राम सभा में देखना चाहती है तभी तो सरकार ने 'नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्राम सभा पुरस्कार' शुरु किया है। संस्था के सचिव अशोक पांडेय कहते हैं कि नानाजी तो कभी कोई काम नाम के लिए नहीं करते थे जीवित रहते उनके नाम पर एक भी पुस्तक का प्रकाशित नहीं हुई। सरकार ने उनके नाम से पुरस्कार शुरू कर जो सम्मान दिया है वह संस्था के लिए बड़े खुशी की बात है।