यहां तो मंदिर के पास चलते अवैध कत्लखाने
जागरण संवाददाता, चित्रकूट: देवी- देवताओं के मंदिरों के आस पास चल रहे अवैध कत्लखानों को हटाकर दूसरी
जागरण संवाददाता, चित्रकूट: देवी- देवताओं के मंदिरों के आस पास चल रहे अवैध कत्लखानों को हटाकर दूसरी जगह स्थापित करने की मांग काफी अरसे से चल रही है। उत्तर प्रदेश में पूर्ण बहुमत से भाजपा की योगी सरकार काबिज होने से इन्हें हटाने की उम्मीद परवान चढ़ने लगी है। लोगों ने प्रशासन से इन्हें जल्द हटाने की मांग की है।
बता दें कि शहर के पुरानी बाजार स्थित प्राचीन काली देवी मंदिर में सुबह शाम सैकडों भक्त पूजा पाठ करने जाते हैं। नवरात्र में तो आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ हजारों में होती है। शहर के बीचोबीच होने के चलते कालीदेवी मंदिर परिसर पूरे नौ दिन तक श्रद्धालुओं से गुलजार रहता है। यहां पर सबसे ज्यादा भीड़ महिला श्रद्धालुओं की सुबह शाम लगती है। काली देवी मंदिर जाने के लिए लोग मुख्य मार्ग नेशनल हाईवे से ही गुजरते हैं। नेशनल हाईवे में खासकर मंदिर साइड में अवैध कत्लखाने काफी अरसे से चल रहे हैं। यहां से होकर महिला और पुरुष श्रद्धालु रोज मंदिर जाते हैं और सामने अवैध कत्लखानों में खुले आम मांस दिखने से उनकी भावनाएं आहत होती हैं। किसी श्रद्धालु की भावना आहत न हो। इसके लिए इन अवैध कत्लखानों का हटना बहुत जरूरी है। इन अवैध कत्लखानों को हटाने के लिए हमेशा आवाज उठती रही है। पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। पुरानी बाजार के लोगों ने कई बार इस मामले को जिले के आला अधिकारियों के समक्ष उठाया है पर नतीजा सिफर रहा। प्रदेश में पूर्ण बहुमत से भाजपा की योगी सरकार के काबिज होने से लोगों में उम्मीदें फिर जगी हैं। बदली हुई व्यवस्था में अब शायद आला अफसरों को इस दिशा में ठोस कदम उठाना पड़े क्योंकि ऐसा न होने पर लोगों द्वारा आंदोलन की चेतावनी भी दी जा रही है।
आंदोलन की चेतावनी
नगरपालिका परिषद चित्रकूट धाम कर्वी की सभासद शिव कुमारी गुप्ता ने नगर पालिका अध्यक्ष को ज्ञापन देकर काली देवी मंदिर पुरानी बाजार के बाहर नेशनल हाईवे किनारे खुले अवैध कत्लखानों को हटाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार मछली मंडी शहर के बाहर एकांत में बनाई गई है। इसी प्रकार इन अवैध कत्लखानों के लिए पूजा स्थलों से दूर जगह आवंटित कर यहां से हटाया जाए। ताकि मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत न हो। चेतावनी दी कि इन्हें जल्द नहीं हटाया गया तो आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।