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लापरवाह पुलिस पर होगी कार्रवाई

चित्रकूट, जागरण संवाददाता : जिंदा पत्नी की हत्या के आरोप में जेल गए पति व उसकी चाची को सीजेएम ने पूर

By Edited By: Published: Thu, 01 Dec 2016 07:40 PM (IST)Updated: Thu, 01 Dec 2016 07:40 PM (IST)
लापरवाह पुलिस पर होगी कार्रवाई

चित्रकूट, जागरण संवाददाता : जिंदा पत्नी की हत्या के आरोप में जेल गए पति व उसकी चाची को सीजेएम ने पूर्णत: निर्दोष बताते हुए अविलंब छोड़ने के आदेश तो दिए है। साथ ही पुलिस अधीक्षक चित्रकूट व कौशांबी से कहा है कि व्यक्तिगत रुचि लेकर पूरे प्रकरण में लापरवाही करने वाले पुलिस कर्मियों पर गंभीर अनुशासनात्मक कार्रवाई करें।

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बता दें कि ज्ञानवती उर्फ नान पुत्री मिलनवा निवासी बेराउर (राजापुर) 5 अक्टूबर को अपनी ससुराल टिकरा से बिना किसी को कुछ बताए चली गई थी। जिसके ससुराल मायके पक्ष में हडकंप मच गया। 15 अक्टूबर को उसके पिता मिलनवा ने राजापुर थाने में दामाद मंझा उर्फ उदित नारायण सहित ससुरालीजनों पर दहेज के लिए उसको गायब करने का मुकदमा दर्ज करा दिया था। इसी दरम्यान 18 अक्टूबर कौशांबी जिला में यमुना नदी में एक महिला का शव मिला। मिलनवा ने उस शव को अपनी बेटी का बताया और पुलिस ने 20 अक्टूबर को पुलिस ने उसके पति मंझा उर्फ उदित नारायण, चचिया सास सुनीता को एक साल के मासूम बच्चे के साथ जेल भेज दिया था लेकिन बुधवार को ज्ञानवती लोगों के सामने जिंदा आ गई। उसने मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी सुभाष सिंह की कोर्ट में पेश होकर अपने को जिंदा बताते हुए पति को छुड़ाने की गुहार लगाई थी।

ज्ञानवती के अधिवक्ता राजेश सिंह चौहान ने बताया कि इस मामले में सीजेएम ने मंझा व उसकी चाची को जेल से छोड़ने के आदेश तो दिए ही थे लेकिन कौशांबी में मिले उस शव पर जिसे ज्ञानवती का बताया गया था पुलिस को कटघरे में खड़ा किया है। सीजेएम आदेश में कहा है कि अज्ञात महिला के शव को ज्ञानवती के रुप में पहचान कराने में पुलिस ने पूर्णत: लापरवाही, अपने कर्तव्यों का दुरुपयोग व उचित निर्वहन न करते हुए मात्र वादी के कहने पर कार्रवाई संपादित की। जो स्वयं मे जांच का एक विषय है। क्योंकि एक मृत महिला का शव कौशांबी में मिलता था। उसकी मृत्यु व उसका कारण भी इस मुकदमें के कारण सुनिश्चित नहीं हो पाया है। उसकी हत्या करने वाले व्यक्ति निर्दोष घूम रहे है। जो एक गंभीर विषय है।

अधिवक्ता सिंह ने बताया कि सीजेएम ने मंझा व उसकी चाची को जेल में निरुद्ध करने को मानव गरिमा व न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग माना है। एसपी चित्रकूट व कौशांबी से कहा है कि लापरवाही करने वाले पुलिस कर्मियों के विरुद्ध गंभीर अनुशासनात्मक कार्रवाई करें। साथ ही मृतक महिला की मृत्यु का कारण, मृत्यु करने वाले व्यक्तियों की पहचान कराने के भी आदेश दिए है।


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